नई दिल्ली: कृषि बिल के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को 3 महीने से ऊपर का समय गुजर चुका है. लेकिन अब भी किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं और इस बीच आने वाले त्योहारों को भी पूरी तैयारियों के साथ मना रहे हैं. इसी क्रम में ढांसा बॉर्डर पर बैठे किसान अभी से ही होली की तैयारियों में जुट गए हैं.
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ये भी पढ़ें:-दिल्ली की कोरोना के खिलाफ जंग, राजधानी को मिलेगी मुफ्त वैक्सीनइकट्ठा कर रहे लकड़ियां और सूखी टहनियां
होलिका दहन के दिन जलाई जाने वाली लकड़ियों और पेड़ों की सूखी टहनियों को अभी से ही किसान इकट्ठा करके एक जगह रख रहे हैं. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डागर ने बताया कि पुराने समय में होलिका दहन की तैयारियां सवा महीने पहले से ही शुरू हो जाती थी और इसी को देखते हुए उन्होंने होली से लगभग 20 दिन पहले ही होलिका दहन की तैयारियां शुरू कर दी है.
सर्दियों तक जारी रहेगा किसानों का आंदोलन
उनका कहना है कि होलिका दहन के लिए एक बार में ही लकड़ियां और अन्य सामान एकत्रित नहीं किया जा सकता. इसलिए किसान रोजाना थोड़ी-थोड़ी संख्या में लकड़ियां और पेड़ों की सूखी हुई टहनियों को एक जगह इकट्ठा कर रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले त्यौहार भी वह बॉर्डर पर ही मनाएंगे क्योंकि किसान आंदोलन सर्दियों तक चलेगा.