नई दिल्लीः दिल्ली के बदरपुर इलाके के हरिनगर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत हमारी कॉलोनी को अधिकृत करने और मकानों को मालिकाना हक देने और रजिस्ट्री करने को लेकर क्षेत्र में सर्वे का काम किया गया था और प्रति गज के हिसाब से पैसा भी लिया गया था क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों का सर्वे कराया और उसका शुल्क दिया लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद अभी तक ना रजिस्ट्री हो पाई है और ना ही हमें अपने मकानों का मालिकाना हक मिल पाया है
ईटीवी भारत से बात करते हुए लोगों ने बताया कि सर्वे के दौरान बताया गया था कि सर्वे के बाद मकानों की रजिस्ट्री के साथ ही मालिकाना हक मिल जाएगा. उसके बाद क्षेत्र में विकास होगा. नाली सीवर का काम होगा और जिस का मकान है वे बैंक से लोन ले सकेंगे. सर्वे 2020 में कराया गया था जिसको अब काफी समय बीत गए हैं लेकिन अभी तक आगे की कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही रजिस्ट्री हुआ है.
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लोगों ने मांग की है कि जो हमसे वादे किए गए थे उसके तहत क्षेत्र के मकानों की रजिस्ट्री और मलिकाना हक मिलना चाहिए. वहीं ओजोन मुक्ति संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष सरजीत चौकन ने बताया कि प्रधानमंत्री उदय योजना के अंतर्गत इस क्षेत्र में सर्वे के नाम पर लोगों से पैसे लिए गए हैं जो एक घोटाला था क्योंकि इस क्षेत्र में ओ-जोन लगा हुआ है और जहां ओ-जोन लगा हुआ है वहां प्रधानमंत्री उदय योजना काम नहीं करेगी लेकिन चुनाव जीतने के लिए यहां पर लोगों के साथ धोखा किया गया है.
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बता दें दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में केंद्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री उदय योजना के घोषणा की गई थी जिसके तहत दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने की योजना गई थी. इस मुद्दे को लेकर भाजपा बीते विधानसभा चुनाव में जनता के बीच गई थी हालांकि उस चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था.
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