नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन ठोस कदम उठा रहा है. सरकार की ओर से 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' नाम से अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन सरकारी उपक्रम डीटीसी के बस चालक ही इस अभियान का मखोल उड़ाते नजर आ रहे हैं.
रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान को लेकर जब ईटीवी भारत के टीम ग्राउंड पर पहुंची तो देखा तमाम डीटीसी चालक रेड लाइट पर बस का इंजन ऑफ नहीं कर रहे हैं. इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो कई चालकों ने बस में ही खामियां निकाल दीं. हालांकि कुछ चालकों ने अपनी गलती मान कर आगे से ध्यान रखने की बात कही.
भले ही इस अभियान को लेकर दिल्ली सरकार विज्ञापनों और राजधानी की प्रत्येक रेड लाइट पट कई वॉलंटियर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपने ही कर्मचारियों को समझाने में विफल नजर आ रही है. इसका परिणाम यह है कि बस चालक रेड लाइट पर बस का इंजन ऑफ ना करके इस अभियान का मखोल उड़ाते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी ने खड़े किए सवाल
अभियान को सफल बनाने के लिए सिविल डिफेंस के जवान भी तैनात किए गए हैं. जनता से सिविल डिफेंस के जवान प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुई इस पहल में योगदान देने की अपील कर रहे हैं. इस दौरान सिविल डिफेंस के जवान गाड़ी ऑफ करने के लिए लोगों से अपील भी कर रहे हैं, लेकिन वहीं इस पर बीजेपी लगातार हमलावर है.
बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि केजरीवाल पूरी तरीके से नाकाम सरकार है. केजरीवाल सरकार सिर्फ प्रचार के भरोसे चल रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ की जो मुहिम चलाई है वह पूरी तरीके से नाकाम साबित हो रही है, क्योंकि दिल्ली की अधिकतर लाल बत्तियों पर टाइमर ही नहीं सेट है कि वह ग्रीन 10 सेकंड बाद होगी या 2 मिनट बाद.
केजरीवाल सरकार को उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार पहले रेड लाइट की टाइमिंग को सही करवाए. इसके बाद इस तरीके की मुहिम चलाएं. यानी कि यह साफ-साफ जाहिर है कि केजरीवाल सरकार जहां रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ कर के प्रदूषण को कम करना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी वहीं उन्हें हिदायत दे रही है कि रेड लाइट की टाइमिंग को पहले केजरीवाल सरकार सही करे.