नई दिल्ली: इंस्टाग्राम पेज 'Boys locker room' मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से संज्ञान लेने की मांग करते हुए दो वकीलों ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की गई है कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए.
जिन वकीलों ने पत्र लिखा है वे हैं नीलम गोखले और इलाम परीदी. पत्र में 4 मई को प्रकाशित खबरों को आधार बनाकर लिखा गया है कि दक्षिणी दिल्ली और उत्तरप्रदेश की पुलिस अभिभावकों की ओर से औपचारिक एफआईआर दर्ज करने का इंतजार कर रहे हैं.
जांच एजेंसियों के ढीले रवैये की वजह से अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है. पत्र में कहा गया है कि कार्रवाई नहीं होने की वजह से Boys Locker Room 2.0 नाम का नया पेज इंस्टाग्राम पर बनाया गया है.
इस पेज पर कहा गया है कि हम इसे दोबारा शुरु करें. इस ग्रुप में फेक अकाउंट से शामिल हों ताकि कोई भी आपको पकड़ न सके. उसमें कहा गया है कि अपने फेक अकाउंट का यूजरनेम हमें भेजें.
पत्र में लिखा गया है कि न्याय की मांग है कि इसमें शामिल अपराधियों को सजा मिले. न्याय न केवल मिलना चाहिए बल्कि इसे होते हुए दिखना चाहिए. इस मामले ने हर उस व्यक्ति की चेतना को झकझोर कर रख दिया है जो समाज के बारे में सही सोच रखता है. लोग यह देखकर हैरान हैं कि स्कूल जानेवाले बच्चे किस तरह सोशल मीडिया का महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
बता दें कि 'Boys locker room' लड़कों का एक समूह है जिसमें अधिकांश नाबालिग हैं. इस ग्रुप में अश्लील बातें करने और रेप का जिक्र है. इस ग्रुप में लड़कियों और महिलाओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के शेयर की गई हैं. ग्रुप में शेयर की गई तस्वीरें काफी आपत्तिजनक हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े को भी तीन वकीलों ने पत्र लिखकर इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है. इन वकीलों ने चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करने की मांग की है. चीफ जस्टिस को जिन वकीलों ने पत्र लिखा है उनमें आनंद वर्मा,कौस्तुभ प्रकाश और शुभांगी जैन शामिल हैं.