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पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की स्थिति पर दिल्ली महिला आयोग ने शुरू किया अध्ययन

दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में लंबे समय से रह रही पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने एक अध्ययन शुरू किया है. इस अध्ययन के पूरा होने के बाद आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल उनके पुनर्वास के लिए अपनी सिफारिशें भी भेजेगी.

मजनू का टीला
मजनू का टीला
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Published : Aug 18, 2022, 2:58 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी काफी लंबे समय से रह रहे हैं. वे यहां किसी तरह अपना गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रहने वाली पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति को लेकर दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक अध्ययन शुरू किया है. इसके बाद स्वाती उनके पुनर्वास के लिए सरकार से सिफारिश भी करेगी.

दिल्ली महिला आयोग ने उन महिलाओं और बाल हिंदू शरणार्थियों की दुर्दशा पर एक अध्ययन शुरू किया है, जो पाकिस्तान से भाग कर आये थे और पिछले कई सालों से दिल्ली के मजनू का टीला में रह रहे हैं. ये हिंदू शरणार्थी यहां दयनीय स्थिति में रह रहे हैं. उनके पास आवास, पानी का कनेक्शन, बिजली, शौचालय और आजीविका के उचित साधनों जैसी बुनियादी चीजों का अभाव है. कई शरणार्थी पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण, अपहरण, धार्मिक हमले, यौन उत्पीड़न से लेकर अन्य उत्पीड़नों से बच कर आये हैं. पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने बहुत कुछ झेला है और प्रत्येक शरणार्थी परिवार के पास साझा करने के लिए एक डरावनी कहानी है.

पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.

वर्तमान में वे यमुना नदी के तट पर एकांत में रह रहे हैं और कई परेशानियों खासकर मानसून के दौरान होनेवाली परेशानी से त्रस्त हैं. वे कच्चे घरों और टेंट में रहने को मजबूर हैं. उनके पास उचित शौचालय की व्यवस्था नहीं है और महिलाओं एवं बच्चे अक्सर खुले में शौच करने के लिए विवश हैं. बिजली की कमी ने क्षेत्र को और असुरक्षित बना दिया है. कई अनुरोधों के बावजूद उन्हें नागरिकता भी नहीं दी गई है.

पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
उनकी स्थिति को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पिछले कई वर्षों से दिल्ली में सबसे दयनीय स्थिति में रह रहे हिंदू शरणार्थियों की समस्याओं का पता लगाने के लिए एक अध्ययन शुरू किया है. आयोग विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा हिंदू शरणार्थियों की परेशानियों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों का पता लगाने के लिए उनको नोटिस भी जारी करेगा. इसके अलावा, आयोग मजनू का टीला में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए विभिन्न सरकारी विभागों को सिफारिशें भी देगा.दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं इन हिंदू शरणार्थियों से मजनू का टीला में मिली हूं. वे सबसे दयनीय परिस्थितियों में जी रहे हैं. उनके पास कच्चे घर हैं, जिनमें मानसून के दौरान रहना और भी मुश्किल हो जाता है. अक्सर उनके घरों में सांप-बिच्छू घुस जाते हैं. शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है. बिजली और पानी की कमी की वजह से यह क्षेत्र रहने के काबिल नहीं है. उनके पास आजीविका के पर्याप्त अवसर भी नहीं हैं. इसके अलावा, उन्हें आज तक नागरिकता प्रदान नहीं की गई है. यह एक दुःखद स्थिति है और हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे. हम दिल्ली सरकार के साथ-साथ भारत सरकार को उनकी स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें देंगे. वे पिछले कई सालों से भारतीय धरती पर रह रहे हैं और उन्हें तत्काल पुनर्वास की जरूरत है."

नई दिल्लीः दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी काफी लंबे समय से रह रहे हैं. वे यहां किसी तरह अपना गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रहने वाली पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति को लेकर दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक अध्ययन शुरू किया है. इसके बाद स्वाती उनके पुनर्वास के लिए सरकार से सिफारिश भी करेगी.

दिल्ली महिला आयोग ने उन महिलाओं और बाल हिंदू शरणार्थियों की दुर्दशा पर एक अध्ययन शुरू किया है, जो पाकिस्तान से भाग कर आये थे और पिछले कई सालों से दिल्ली के मजनू का टीला में रह रहे हैं. ये हिंदू शरणार्थी यहां दयनीय स्थिति में रह रहे हैं. उनके पास आवास, पानी का कनेक्शन, बिजली, शौचालय और आजीविका के उचित साधनों जैसी बुनियादी चीजों का अभाव है. कई शरणार्थी पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण, अपहरण, धार्मिक हमले, यौन उत्पीड़न से लेकर अन्य उत्पीड़नों से बच कर आये हैं. पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने बहुत कुछ झेला है और प्रत्येक शरणार्थी परिवार के पास साझा करने के लिए एक डरावनी कहानी है.

पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.

वर्तमान में वे यमुना नदी के तट पर एकांत में रह रहे हैं और कई परेशानियों खासकर मानसून के दौरान होनेवाली परेशानी से त्रस्त हैं. वे कच्चे घरों और टेंट में रहने को मजबूर हैं. उनके पास उचित शौचालय की व्यवस्था नहीं है और महिलाओं एवं बच्चे अक्सर खुले में शौच करने के लिए विवश हैं. बिजली की कमी ने क्षेत्र को और असुरक्षित बना दिया है. कई अनुरोधों के बावजूद उन्हें नागरिकता भी नहीं दी गई है.

पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की स्थिति बदतर.
उनकी स्थिति को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पिछले कई वर्षों से दिल्ली में सबसे दयनीय स्थिति में रह रहे हिंदू शरणार्थियों की समस्याओं का पता लगाने के लिए एक अध्ययन शुरू किया है. आयोग विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा हिंदू शरणार्थियों की परेशानियों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों का पता लगाने के लिए उनको नोटिस भी जारी करेगा. इसके अलावा, आयोग मजनू का टीला में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए विभिन्न सरकारी विभागों को सिफारिशें भी देगा.दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं इन हिंदू शरणार्थियों से मजनू का टीला में मिली हूं. वे सबसे दयनीय परिस्थितियों में जी रहे हैं. उनके पास कच्चे घर हैं, जिनमें मानसून के दौरान रहना और भी मुश्किल हो जाता है. अक्सर उनके घरों में सांप-बिच्छू घुस जाते हैं. शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है. बिजली और पानी की कमी की वजह से यह क्षेत्र रहने के काबिल नहीं है. उनके पास आजीविका के पर्याप्त अवसर भी नहीं हैं. इसके अलावा, उन्हें आज तक नागरिकता प्रदान नहीं की गई है. यह एक दुःखद स्थिति है और हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे. हम दिल्ली सरकार के साथ-साथ भारत सरकार को उनकी स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें देंगे. वे पिछले कई सालों से भारतीय धरती पर रह रहे हैं और उन्हें तत्काल पुनर्वास की जरूरत है."
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