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नुक्कड़ नाटकों से नशे का दुष्परिणाम दिखा, युवाओं काे जागरूक कर रही दिल्ली पुलिस - डीसीपी उर्वीजा गोयल

नशे का सेवन इनदिनों बढ़ता जा रहा है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि युवा और छोटी उम्र के बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. समाज की इन्हीं कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य से वेस्ट जिले के अलग अलग थानाें में मादक द्रव्य सेवन नहीं करने के लिए जागरूकता (awareness campaign) कार्यक्रम किये जा रहे हैं.

नुक्कड़ नाटकों से नशे का दुष्परिणाम
नुक्कड़ नाटकों से नशे का दुष्परिणाम
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Published : Nov 26, 2021, 1:30 PM IST

नई दिल्लीः वेस्ट जिले के कीर्ति नगर, मोती नगर, जनकपुरी, राजौरी गार्डन थानों के अंदर मादक द्रव्यों के सेवन (शराब, तंबाकू, भांग) से हाेने वाले नुकसान के बारे में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर बताया गया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आनेवाले दिनों में ऐसे और भी जागरुकता कार्यक्रम किये (Delhi Police's awareness campaign against drugs) जाएंगे.

नुक्कड़ नाटक (nukkad naatak) के माध्यम से इस लत के लगने के बाद होनेवाले नुकसान के बारे में बताया गया. साथ ही इसके सामाजिक दुष्परिणामों के साथ साथ शारीरिक परेशानियों को भी बताया गया. जागरुकता कार्यक्रम में काफी संख्या में अलग अलग क्लस्टर और कोलोनियाें के बच्चों और बड़े लाेगाें ने भी हिस्सा लिया.

जागरुकता कार्यक्रम.


इसे भी पढ़ेंः SAY NO TO DRUGS : दिल्ली पुलिस ने नुक्कड़ नाटक कर नशे से हाेने वाले नुकसान बताए


जिले की डीसीपी उर्वीजा गोयल (District DCP Urvija Goyal) के अनुसार मादक द्रव्यों का सेवन न केवल समाज की सबसे बड़ी बुराइयों में से एक है, बल्कि ये उस व्यक्ति उसके परिवार के लिए घातक है. इस समस्या काे खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस समय-समय पर कार्रवाई कर रही है. इस मुद्दे को रातों रात हल नहीं किया जा सकता है, इसलिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है. मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकारों से निपटने में महत्वपूर्ण बाधाओं में से एक है जागरूकता की कमी.

इसे भी पढ़ेंः रोहिणी: क्षेत्र को नशा मुक्त करने के लिए कंझावला पुलिस ने किया सीधा संवाद

जागरूकता अभियान में इस लत को छोड़ने के बारे में भी समुचित जानकारियां दी गयी. एक्सपर्ट का मानना है कि नशे का लत लगने के बाद अपराध के प्रति भी बढ़ावा मिलता है, जो सामाजिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाता है. कईबार तो इस लत की वजह से संगीन अपराध भी होते हैं. इसकी चपेट में आये युवा या व्यक्ति को जब तक इस बात का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. दिल्ली पुलिस कई सालों से इस प्रयास में जुटी है कि बच्चे और युवा इससे दूर रहे. इसके लिए पुलिस के साथ साथ सामाजिक स्तर पर विभन्न संस्थाओं का भी दायित्व बनता है.


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नई दिल्लीः वेस्ट जिले के कीर्ति नगर, मोती नगर, जनकपुरी, राजौरी गार्डन थानों के अंदर मादक द्रव्यों के सेवन (शराब, तंबाकू, भांग) से हाेने वाले नुकसान के बारे में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर बताया गया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आनेवाले दिनों में ऐसे और भी जागरुकता कार्यक्रम किये (Delhi Police's awareness campaign against drugs) जाएंगे.

नुक्कड़ नाटक (nukkad naatak) के माध्यम से इस लत के लगने के बाद होनेवाले नुकसान के बारे में बताया गया. साथ ही इसके सामाजिक दुष्परिणामों के साथ साथ शारीरिक परेशानियों को भी बताया गया. जागरुकता कार्यक्रम में काफी संख्या में अलग अलग क्लस्टर और कोलोनियाें के बच्चों और बड़े लाेगाें ने भी हिस्सा लिया.

जागरुकता कार्यक्रम.


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जिले की डीसीपी उर्वीजा गोयल (District DCP Urvija Goyal) के अनुसार मादक द्रव्यों का सेवन न केवल समाज की सबसे बड़ी बुराइयों में से एक है, बल्कि ये उस व्यक्ति उसके परिवार के लिए घातक है. इस समस्या काे खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस समय-समय पर कार्रवाई कर रही है. इस मुद्दे को रातों रात हल नहीं किया जा सकता है, इसलिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है. मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकारों से निपटने में महत्वपूर्ण बाधाओं में से एक है जागरूकता की कमी.

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जागरूकता अभियान में इस लत को छोड़ने के बारे में भी समुचित जानकारियां दी गयी. एक्सपर्ट का मानना है कि नशे का लत लगने के बाद अपराध के प्रति भी बढ़ावा मिलता है, जो सामाजिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाता है. कईबार तो इस लत की वजह से संगीन अपराध भी होते हैं. इसकी चपेट में आये युवा या व्यक्ति को जब तक इस बात का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. दिल्ली पुलिस कई सालों से इस प्रयास में जुटी है कि बच्चे और युवा इससे दूर रहे. इसके लिए पुलिस के साथ साथ सामाजिक स्तर पर विभन्न संस्थाओं का भी दायित्व बनता है.


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