नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना का टेस्ट रिजल्ट जल्द 48 घंटे के अंदर या उससे भी पहले दिया जाए. जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस सुब्रमोणियम प्रसाद की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया.
कोरोना टेस्ट से संबंधित सूचना करें अपडेट
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो अपने वेबसाइट पर कोरोना टेस्ट से संबंधित संख्या को लगातार अपडेट करते रहें. वेबसाइट पर केसों की संख्या, पॉजीटिव और निगेटिव मरीजों की संख्या और कोरोना टेस्ट होने के बाद आए रिजल्ट और लंबित रिजल्ट की भी सूचना अपडेट करें.
एनआईबी नोएडा से रिजल्ट मिलने में देरी
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील सत्यकाम ने बताया कि 29 अप्रैल को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव ने 22 अप्रैल को आदेश जारी किया कि 3 मई तक एनआईबी नोएडा को कोई सैंपल नहीं भेजा जाएगा. वहां टेस्ट का रिजल्ट आने में काफी देर हो रही है. उस आदेश में कहा गया कि कोरोना टेस्ट के लिए लिया गया सैंपल सरकारी और निजी लैब में बांट दिया जाएगा ताकि एक दिन के अंदर रिजल्ट आ सके.
दिल्ली में 23 मान्यता प्राप्त लैब
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग के लिए मान्यता प्राप्त 23 लैब हैं. उनमें से 10 सरकारी हैं और 13 निजी लैब हैं. इन सभी लैब्स की रोजाना की क्षमता तीन से साढ़े तीन हजार की है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अब एक से दो दिन में टेस्ट का रिजल्ट आ जाएगा.
टेस्ट रिजल्ट में देरी से मरीज परेशान
याचिका वकील राकेश मल्होत्रा ने दायर की थी. याचिका में उन खबरों का उदाहरण दिया गया था जिनमें कोरोना के टेस्ट का रिजल्ट देने में काफी देरी की गई है.
याचिका में कहा गया था कि कोरोना के टेस्ट का रिजल्ट देर से आने की वजह से संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की खोज में काफी दिक्कत होती है. याचिका में कोरोना के सैंपल का 48 घंटे के अंदर रिजल्ट देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.
रोगियों की जल्दी पहचान जरुरी
याचिका में कहा गया था कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए जरुरी है कि इसके रोगियों की जितनी जल्दी हो उनकी पहचान कर ली जाए. लेकिन अगर कोरोना के सैंपल का रिजल्ट आने में देरी होगी तो सैंपल वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने में मुश्किल होगी.
याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को कोरोना के सैंपल का रिजल्ट देने के लिए ज्यादा से ज्यादा लैब को शामिल करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.