ETV Bharat / city

दिल्ली हाईकोर्ट: बीमार मां की देखभाल के लिए नारकोटिक्स एक्ट के आरोपी को मिली जमानत - coronavirus update

दिल्ली हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स एक्ट के तहत जेल में बंद एक आरोपी को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए 28 जुलाई तक की अंतरिम जमानत दे दी है.

Delhi High Court
दिल्ली हाईकोर्ट
author img

By

Published : Apr 25, 2020, 8:45 PM IST

Updated : May 15, 2020, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स एक्ट के तहत जेल में बंद एक आरोपी को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए 28 जुलाई तक की अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस आशा मेनन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया.



बीस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली

कोर्ट ने आरोपी विनय को बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपी को अपना मोबाइल नंबर संबंधित थाने के एसएचओ और जेल अधीक्षक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत के दौरान आरोपी हफ्ते में एक बार एसएसओ को फोन कर अपनी उपस्थिति के बारे में रिपोर्ट करेगा.


देखभाल करने वाला कोई नहीं

विनय ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि कोरोना की वजह से घोषित लॉकडाउन के बाद उसकी मां की देखभाल करनेवाला कोई नहीं है. आरोपी की ओर से वकील अरविंद कुमार शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि विनय की मां को कुछ दिनों पहले चोट लगी थी. उनकी देखभाल करने के लिए घर में दूसरा कोई नहीं है. आरोपी की पत्नी भी लॉकडाउन की वजह से अपने मायके में फंसी हुई है.


दिल्ली पुलिस ने जमानत का नहीं किया विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राधिका कोल्लुरु ने अंतरिम जमानत याचिका का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि याचिका में जो तथ्य बताए गए हैं उनका वेरिफिकेशन किया गया था. जांच अधिकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता की मां घर पर अकेली हैं और चल फिर नहीं सकती हैं. उन्होंने शर्तों के साथ जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स एक्ट के तहत जेल में बंद एक आरोपी को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए 28 जुलाई तक की अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस आशा मेनन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया.



बीस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली

कोर्ट ने आरोपी विनय को बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपी को अपना मोबाइल नंबर संबंधित थाने के एसएचओ और जेल अधीक्षक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत के दौरान आरोपी हफ्ते में एक बार एसएसओ को फोन कर अपनी उपस्थिति के बारे में रिपोर्ट करेगा.


देखभाल करने वाला कोई नहीं

विनय ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि कोरोना की वजह से घोषित लॉकडाउन के बाद उसकी मां की देखभाल करनेवाला कोई नहीं है. आरोपी की ओर से वकील अरविंद कुमार शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि विनय की मां को कुछ दिनों पहले चोट लगी थी. उनकी देखभाल करने के लिए घर में दूसरा कोई नहीं है. आरोपी की पत्नी भी लॉकडाउन की वजह से अपने मायके में फंसी हुई है.


दिल्ली पुलिस ने जमानत का नहीं किया विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राधिका कोल्लुरु ने अंतरिम जमानत याचिका का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि याचिका में जो तथ्य बताए गए हैं उनका वेरिफिकेशन किया गया था. जांच अधिकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता की मां घर पर अकेली हैं और चल फिर नहीं सकती हैं. उन्होंने शर्तों के साथ जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई.

Last Updated : May 15, 2020, 4:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.