नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार फिर से तेज हो गई है। संक्रमण दर के बढ़ते ही मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीते एक पखवाड़े के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो देखेंगे कि कोविड के मरीज अस्पताल में ज्यादा भर्ती हो रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारी के अनुसार कोरोना से पहले किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज ही ज्यादातर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। हालांकि, अस्तपालों में अभी जितने भी मरीज भर्ती हो रहे हैं उनकी संख्या अभी चिंताजनक नहीं हैं। बीमारी से बचाव के लिए सभी को मास्क अनिवार्य रूप से पहनने के लिए कहा जा रहा है।
इधर, कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने यहां आने वाले कोरोना संक्रमित पुरानी बीमारियों से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के सभी विभागों के वार्ड में दो-दो बेड आरक्षित किए हैं। गंभीर मरीजों को वार्ड के एक अलग कमरे में आरक्षित किए गए इन दो बेड पर आइसोलेट किया जाएगा। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. डीके शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश देते हुए 48 घंटे के अंदर अपने-अपने विभागों में दो बेड की व्यवस्था करने के लिए कहा है। साथ ही दो बेड पर मरीजों का दाखिला तुरंत बंद करने के लिए भी कहा गया है। इन बेड पर पहले से भर्ती मरीजों को दूसरे बेड पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। आपातकालीन सीएमओ के कहने पर ये बेड गंभीर मरीजों को दिए जा सकेंगे। ये बेड आर्थोपेडिक, डर्मेटोलाजी, गैस्ट्रोइंट्रोलाजी, मेडिसिन, यूरोलाजी, ईएनटी, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, एंडोक्रिनोलाजी और जीआइ सर्जरी के वार्ड में आरक्षित किए गए हैं।