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नोएडा ट्विन टावर मामले में सीएम योगी सख्त, 2004-17 तक के अफसरों पर गिरेगी गाज

नोएडा ट्विन टावर (supertech twin-tower) मामले में नोएडा (Noida) अथॉरिटी ने विभागीय जांच शुरू कर दी है. वहीं, सीएम योगी (yogi Adityanath) ने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच के लिए SIT गठित करने का आदेश दिया है. SIT मामले में शामिल नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत की जांच करेगी. (SIT) एसआईटी साल 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करेगी.

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Published : Sep 2, 2021, 5:18 PM IST

एसआईटी गठित
एसआईटी गठित

नई दिल्ली/लखनऊ : नोएडा (Noida) स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टॉवर ( Supertech Twin Tower case) मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है. सीएम योगी ने गुरुवार को इस मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एक SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) के गठन के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. ये एसआईटी साल 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करेगी. सीएम योगी ने मामले में दोषी पाए गए अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने के अभी आदेश दिए हैं.

सीएम योगी ने इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने का भी आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टावर-16 और 17 को अवैध ठहराते हुए दोनों टावरों को ढहाने का आदेश दिया था।. दोनों ही टावर 40 मंजिला हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए दोनों टावर को तीन महीने में ढहाने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें-SUPERTECH के पास नही हैं FUND, कैसे लौटेगा खरीदारों का पैसा

कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर तोड़े और इसके साथ ही खरीददारों की रकम भी ब्याज समेत लौटाई जाए. इधर अथॉरिटी ने अपनी सफाई में कहा है कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब इस पूरे मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए एसआईटी गठित करने की बात कही गई है. नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रकरण में कार्रवाई शुरू भी हो गई है. नोएडा अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग में पूर्व में तैनात मैनेजर मुकेश गोयल को सस्पेंड कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-Supertech Twins Tower : RWA मिठाई खिलाकर एक-दूसरे को दे रहे बधाई

सांठगांठ से हुआ खेल

नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर प्रकरण मामले में बिल्‍डरों और नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सांठगांठ खुलकर उजागर हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भी साफ तौर पर इसका जिक्र किया है. कोर्ट ने कहा कि यह कंस्‍ट्रक्‍शन नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और बिल्‍डर की मिलीभगत से ही हो पाया है. कोर्ट ने दोनों टावरों को तीन महीने में ढहा देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही निर्माण ढहाने पर होने वाले खर्च की वसूली बिल्‍डर से करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है.

नई दिल्ली/लखनऊ : नोएडा (Noida) स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टॉवर ( Supertech Twin Tower case) मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है. सीएम योगी ने गुरुवार को इस मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एक SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) के गठन के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. ये एसआईटी साल 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करेगी. सीएम योगी ने मामले में दोषी पाए गए अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने के अभी आदेश दिए हैं.

सीएम योगी ने इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने का भी आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टावर-16 और 17 को अवैध ठहराते हुए दोनों टावरों को ढहाने का आदेश दिया था।. दोनों ही टावर 40 मंजिला हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए दोनों टावर को तीन महीने में ढहाने के आदेश दिए हैं.

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कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर तोड़े और इसके साथ ही खरीददारों की रकम भी ब्याज समेत लौटाई जाए. इधर अथॉरिटी ने अपनी सफाई में कहा है कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब इस पूरे मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए एसआईटी गठित करने की बात कही गई है. नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रकरण में कार्रवाई शुरू भी हो गई है. नोएडा अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग में पूर्व में तैनात मैनेजर मुकेश गोयल को सस्पेंड कर दिया गया है.

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सांठगांठ से हुआ खेल

नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर प्रकरण मामले में बिल्‍डरों और नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सांठगांठ खुलकर उजागर हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भी साफ तौर पर इसका जिक्र किया है. कोर्ट ने कहा कि यह कंस्‍ट्रक्‍शन नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और बिल्‍डर की मिलीभगत से ही हो पाया है. कोर्ट ने दोनों टावरों को तीन महीने में ढहा देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही निर्माण ढहाने पर होने वाले खर्च की वसूली बिल्‍डर से करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है.

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