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किसान आंदोलन ने सरकार का अहंकार तोड़ा, उनकी सभी मांगें मानी जाएं: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को किसानों की जीत बताई है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) को किसानों की सभी मांगें माननी चाहिए.

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Published : Nov 26, 2021, 3:35 PM IST

केजरीवाल
केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) के एक दिवसीय विशेष सत्र में बोलते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को किसानों की जीत बताई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को कुचलने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान की जो भी बची मांगे हैं सरकार को माननी चाहिए. साथ कहा कि आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) किसानों के साथ पूरी तरह खड़ी है. किसान तय करेंगे कि उन्हें बॉर्डर से कब जाना है.

दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) ने कहा कि आज से एक साल पहले किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. केंद्र सरकार (Central Government) ने बिना जनता से पूछे अहंकार के बल पर काले कानून पास किए थे. उन्हें लगता था कि किसान चीख-चिल्लाकर घर चले जाएंगे. एक साल के इस सफल आंदोलन के लिए किसानों को बधाई देता हूं.

उन्होंने कहा कि देश में हुए आंदोलनों में किसानों का यह सबसे बड़ा आंदोलन है. यह आंदोलन पूरे तरीके से आज तक अहिंसापूर्वक रहा है. इससे पहले वर्ष 1907 में अंग्रेजों के खिलाफ किसानों ने 9 माह तक आंदोलन किया था. लेकिन आज किसानों को अपने ही सरकार के खिलाफ एक साल तक प्रदर्शन करना पड़ा है यह दुखद है.

ये भी पढ़ें-किसान आंदोलन का एक साल: कृषि कानूनों के बनने से वापस होने की पूरी कहानी

केजरीवाल ने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए सरकार ने उन्हें न जाने कितने अपशब्द कहे. किसानों को खालिस्तानी (Khalistani), पाकिस्तानी (Pakistani) और चीन का एजेंट (China Agent) तक करार दिया. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भी किसानों को बदनाम करने में पीछे नहीं रहे हैं.

ये भी पढ़ें- आंदोलन के एक साल पूरे होने पर क्या बोले किसान, सुनिए...

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों को भड़काने की कोई कोशिश नहीं छोड़ी. लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में किसानों को कुचल दिया गया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दबाव में सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की न जाने क्या मजबूरी है कि वह अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही कहा कि आंदोलन के दौरान 700 किसान शहीद हो गए. उन सभी किसानों को नमन है और सरकार से उन्हें न्याय देने की मांग की. इसके अलावा कहा कि तीनों कृषि कानून (Three Agricultural Law) वापसी की घोषणा होते ही उन किसानों के आत्मा को शांति मिल रही होगी कि उनके लक्ष्य की जीत हुई है.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन के एक सालः गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की पंचायत में पहुंचे यूपी और उत्तराखंड के किसान



वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को एंटी नेशनल कहा गया, गालियां दी गईं. किसानों पर सरकार ने वाटर कैनन बरसाया और सड़क पर कीलें ठोक दी गई. लेकिन सरकार किसानों के आगे हार गई और यह लड़ाई सरकार के खिलाफ किसान लड़ रहे हैं जोकि किसी आजादी की लड़ाई से कम नहीं थी किसानों की जनतंत्र और भारत की जीत है.

वहीं दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) में कृषि कानून के खिलाफ सदन में मंत्री गोपाल राय (Minister Gopal Rai) के द्वारा रखे गए प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.

ये भी पढ़ें- किसानों ने हमें सिखाया धैर्य के साथ कैसे लड़ना है: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) के एक दिवसीय विशेष सत्र में बोलते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को किसानों की जीत बताई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को कुचलने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान की जो भी बची मांगे हैं सरकार को माननी चाहिए. साथ कहा कि आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) किसानों के साथ पूरी तरह खड़ी है. किसान तय करेंगे कि उन्हें बॉर्डर से कब जाना है.

दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) ने कहा कि आज से एक साल पहले किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. केंद्र सरकार (Central Government) ने बिना जनता से पूछे अहंकार के बल पर काले कानून पास किए थे. उन्हें लगता था कि किसान चीख-चिल्लाकर घर चले जाएंगे. एक साल के इस सफल आंदोलन के लिए किसानों को बधाई देता हूं.

उन्होंने कहा कि देश में हुए आंदोलनों में किसानों का यह सबसे बड़ा आंदोलन है. यह आंदोलन पूरे तरीके से आज तक अहिंसापूर्वक रहा है. इससे पहले वर्ष 1907 में अंग्रेजों के खिलाफ किसानों ने 9 माह तक आंदोलन किया था. लेकिन आज किसानों को अपने ही सरकार के खिलाफ एक साल तक प्रदर्शन करना पड़ा है यह दुखद है.

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केजरीवाल ने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए सरकार ने उन्हें न जाने कितने अपशब्द कहे. किसानों को खालिस्तानी (Khalistani), पाकिस्तानी (Pakistani) और चीन का एजेंट (China Agent) तक करार दिया. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भी किसानों को बदनाम करने में पीछे नहीं रहे हैं.

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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों को भड़काने की कोई कोशिश नहीं छोड़ी. लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में किसानों को कुचल दिया गया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दबाव में सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की न जाने क्या मजबूरी है कि वह अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही कहा कि आंदोलन के दौरान 700 किसान शहीद हो गए. उन सभी किसानों को नमन है और सरकार से उन्हें न्याय देने की मांग की. इसके अलावा कहा कि तीनों कृषि कानून (Three Agricultural Law) वापसी की घोषणा होते ही उन किसानों के आत्मा को शांति मिल रही होगी कि उनके लक्ष्य की जीत हुई है.

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वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को एंटी नेशनल कहा गया, गालियां दी गईं. किसानों पर सरकार ने वाटर कैनन बरसाया और सड़क पर कीलें ठोक दी गई. लेकिन सरकार किसानों के आगे हार गई और यह लड़ाई सरकार के खिलाफ किसान लड़ रहे हैं जोकि किसी आजादी की लड़ाई से कम नहीं थी किसानों की जनतंत्र और भारत की जीत है.

वहीं दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) में कृषि कानून के खिलाफ सदन में मंत्री गोपाल राय (Minister Gopal Rai) के द्वारा रखे गए प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.

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