नई दिल्ली : 'वन नेशन वन कार्ड' ((One nation one card scheme ) के जरिए पूरे देश भर में राशन वितरण (Ration Distribution in Delhi) की व्यवस्था सभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की एक अच्छी पहल है, लेकिन यह व्यवस्था दूसरे राज्यों के लोगों के लिए सर्वर डाउन और स्लो नेटवर्क ऐसे बहाने हैं जो दिल्ली में रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों के लिए यहां पीडीएफ के माध्यम से मिलने वाली सरकारी सहायता के रूप में राशन लेने से वंचित रख रहा है. लोगों का दर्द तब छलकने लगता है जब अपनी दिहाड़ी छोड़ हर रोज राशि के लिए कतार में लगते हैं, लेकिन उनके लिए पीडीएफ मशीन राशन डाउनलोड नहीं कर पाती. उनका सर्वर डाउन हो जाता है. ऐसा कई दिनों तक लगातार चलता है. लोगों को जितना राशन नहीं मिलता, उससे कहीं अधिक इसे पाने के चक्कर में अपनी दिहाड़ी छोड़ गंवा देते हैं.
दिल्ली में लगभग 60 फीसदी आबादी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार की है. जब वन नेशन वन कार्ड (One nation one card scheme) के तहत दिल्ली में राशन बांटना ( Ration Distribution In Delhi) तय हुआ तो इन लोगों के चेहरे पर सबसे ज्यादा खुशी देखी गई, क्योंकि प्रवासी के तौर पर उनका राशन कार्ड तो यूपी- बिहार का है, लेकिन रोजी-रोटी के लिए दिल्ली में रहते हैं. वे यूपी-बिहार या अपने राज्यों में राशन नहीं उठा पाते थे. नई व्यवस्था से उन्हें काफी राहत मिली, क्योंकि अब दिल्ली में रहते हुए भी वे अपने हिस्से का राशन उठा सकते थे. लेकिन खराब व्यवस्था के चलते वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.
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संगम विहार इलाके में एक राशन की दुकान पर पहुंची उत्तर प्रदेश की एक महिला ने बताया उन्हें डबल राशन नहीं दिया जाता है. आधा राशन देकर ही उन्हें कहा जाता है कि आधा बाद में देंगे. फिर बाद में कभी नहीं देते. हालांकि कुछ राशन बांटने वाले डीलर इसके पीछे तर्क देते हैं कि वह दिल्ली वालों को प्राथमिकता देते हैं. इसके लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को चाहे जितनी किस्त में हो उतनी किस्तों में राशन दे सकते हैं, लेकिन वह भी 30 दिनों के भीतर। अगर यह समय अवधि पूरी हो जाए तो उनका राशन लैप्स हो जाता है.
उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि महीने के आखिरी सप्ताह से राशन बांटना शुरू होता है. इस दौरान दिल्ली और दूसरे राज्यों के लोगों के लिए भी राशन दिया जाता है. जब राशन लेने पहुंचते हैं तो यहां दिनभर लाइन में लगने के बाद भी उन्हें राशन नहीं मिल पाता है.
पीडीएफ संचालक संदीप अग्रवाल बताते हैं कि वन नेशन वन कार्ड के तहत केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से डबल राशन दिया जाता है, लेकिन परेशानी यह है कि दूसरे राज्यों में महीने की शुरुआत के साथ ही राशन वितरण प्रणाली को खोल दिया जाता है. दिल्ली में महीने के अंतिम सप्ताह में राशन वितरण प्रणाली को खोला जाता है. ऐसे में दूसरे राज्यों के लोगों के लिए केवल एक सप्ताह ही राशन लेने के लिए समय बचता है. इस दौरान सर्वर पर काफी लोड पड़ता है, जिसकी वजह से यह काम करना बंद कर देता है. इस समस्या की वजह से केवल 5-10 फीसदी दूसरे राज्यों के लोग ही राशन उठा पाये.
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एक देश एक राशन कार्ड योजना (One nation one card scheme) के तहत राशन कार्ड रखने वाले नागरिक देश भर में किसी भी एफपीएस से अनाज प्राप्त कर सकते हैं. देश की राजधानी दिल्ली में लगभग 17.77 लाक राशन कार्ड धारक एवं 72 लाख एनएफएसए के लाभार्थी हैं. इन राशन कार्ड धारकों के लिए दिल्ली में 2000 से अधिक राशन की दुकानें हैं. दिल्ली में अगस्त 2021 में 40797 लोगों ने एक देश एक राशन कार्ड योजना के अंतर्गत राशन प्राप्त किए. इन सभी लोगों के पास अन्य राज्यों का राशन कार्ड था. जुलाई 2021 में केवल 16000 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया था. अगर तकनीकी त्रुटियों को दूर कर लिया जाए तो यह योजना प्रवासी श्रमिकों एवं राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले अन्य राज्य के लोगों के लिए बहुत कारगर साबित हो सकती है.