नई दिल्ली : सर गंगा राम अस्पताल में यूएई की एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला के विशालकाय स्तन को ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी की मदद से छोटा कर उनके जीवन को आसान बना दिया गया है. संयुक्त अरब अमीरात कि इस बुजुर्ग महिला पिछले 30 सालों से बेहद परेशानी भरी जिंदगी जी रही थी. महिला ने सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी के डॉ. राजीव बी. आहूजा, सीनियर कंसलटेंट से दो महीने पहले संपर्क किया था.
महिला की सर्जरी करने वाले डॉ. राजीव बी. आहूजा बताते हैं कि जब उन्होंने मरीज की जांच की तो वह चौंक गये. उसके स्तन बहुत बड़े थे. वह गिगेंटोमैस्टिया से पीड़ित थीं, जिसमें स्तन नाभि से दो इंच नीचे तक पहुंच रहे थे. अपने पिछले 40 वर्षों के अनुभव में उन्होंने कई विशाल स्तन देखे हैं, लेकिन इस मरीज के स्तन सबसे बड़े थे, जिसका आकार उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. यही उसके सभी लक्षणों का मूल कारण थे, जिसके कारण मरीज की जीवनशैली बहुत ही खराब हो गई थी. अब उनके लिए चुनौती सिर्फ स्तनों के आकार को कम करने और उसके सीने का भार उठाने की नहीं थी, बल्कि उसे एक सौंदर्यपूर्ण रूप से सुखद परिणाम प्रदान करने की थी.
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डॉ आहूजा बताते हैं कि अधिकांश मामलों में सर्जरी बिना निप्पल एरोला ग्राफ्टिंग के साथ स्तन का कुछ हिस्सा अलग करके होता है, जो छाती पर भार को कम करने पर भी सौंदर्य की दृष्टि से सुखद नहीं है. इस मामले में डॉ. रमन शर्मा, एसोसिएट कंसलटेंट और डॉ. पूजा गुप्ता, सीनियर रेजिडेंट, डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी की हमारी टीम ने बड़े स्तनों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक मानक तकनीक द्वारा स्तन में कमी करने का फैसला किया. लेकिन गिगेंटोमैस्टिया के लिए नहीं की जाती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अवर पेडिकल कमी की तकनीक इतने बड़े स्तनों पर लागू होने पर निप्पल/एरिओला कॉम्प्लेक्स के कालापन का कारण बन सकती है.
डॉक्टर ने बताया कि सर्जरी सफल रही. सर्जरी के बाद की अवधि सुचारू और असमान थी. मरीज को सर्जरी के तीन दिन बाद छुट्टी दे दी गई. सर्जरी के 12-14 दिन बाद टांके हटा दिए गए. उसे छह सप्ताह तक कठिन व्यायाम से बचने या भारी वजन न उठाने की सलाह दी गई है.
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