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Shani Amavasya 2022 किन किन राशियों पर पड़ेगा असर बता रहे हैं पंडित आशुतोष पाठक - भादप्रद मास की अमावस्या

आज यानी 27 अगस्त काे शनि अमावस्या है. भाद्रपद मास में शनि अमावस्या का विशेष महत्व है. शनिचरी अमावस्या पर क्या उपाय करें बता रहे हैं पंडित आशुतोष पाठक. Shani Amavasya 2022

शनि अमावस्या
शनि अमावस्या
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Published : Aug 27, 2022, 5:16 PM IST

नई दिल्लीः हिन्दू पंचांग के अनुसार भादप्रद मास की अमावस्या 27 अगस्त शनिवार को है (Shanichari Amavasya 2022). शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जा रहा है. शनिवार का दिन शनि भगवान को समर्पित कहा गया है. ग्रहों के न्यायधीश शनिदेव को समर्पित माना गया है. ग्रहों के न्यायधीश शनिदेव (Lord of planets Shani Dev) की तिरछी नजर कुछ राशियों पर है. शनिदेव की कृपा दृष्टि नहीं होने के कारण इन राशियों का समय भारी चल रहा है. ऐसे में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिचरी अमावस्या का दिन बेहद खास माना जा रहा है.


वर्तमान में शनि मकर राशि में विराजमान है. शनि वक्री अवस्था में है. शनि का मकर राशि में होने से धनु मकर व कुम्भ राशिवालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि धैय्या का प्रभाव है. ऐसे में शनि अमावस्या का दिन इन राशि के लोगों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. मान्यता है कि शनि अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती व धैय्या से पीड़ित राशियों के शनि संबंधित उपायों को करने से अशुभ का प्रभाव कम होता है (Amavasya of Bhadrapada month).

भाद्रपद मास में शनि अमावस्या का विशेष महत्व है.

इस विधि से करें शनि की पूजा

  • शनि अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें
  • शनि अमावस्या के दिन शनि मन्दिर का साफ सफाई करें
  • इसके बाद शनि की विधिवत पूजा करें
  • शनिदेव को सरसों तेल में काले तील मिलाकर अभिषेक करें
  • अब शनिदेव को नीला फूल चढ़ाएं
  • शनि अमावस्या के दिन शनि महाराज के दर्शन करने से शनि दोष मुक्त होने की मान्यता है
  • शनि अमावस्या के दिन शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शमी वृक्ष की पूजा करें
  • शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दिया जलाएं
  • शनि मंत्र का जाप करें

ये उपाय करें

  • शनि के दिन सरसों तेल का दान करे
  • हनुमान जी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं
  • सूर्यास्त के बाद पीपल के पास दिया जलाकर सात बार परिक्रमा करें एवं शनि का जाप करें

नई दिल्लीः हिन्दू पंचांग के अनुसार भादप्रद मास की अमावस्या 27 अगस्त शनिवार को है (Shanichari Amavasya 2022). शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जा रहा है. शनिवार का दिन शनि भगवान को समर्पित कहा गया है. ग्रहों के न्यायधीश शनिदेव को समर्पित माना गया है. ग्रहों के न्यायधीश शनिदेव (Lord of planets Shani Dev) की तिरछी नजर कुछ राशियों पर है. शनिदेव की कृपा दृष्टि नहीं होने के कारण इन राशियों का समय भारी चल रहा है. ऐसे में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिचरी अमावस्या का दिन बेहद खास माना जा रहा है.


वर्तमान में शनि मकर राशि में विराजमान है. शनि वक्री अवस्था में है. शनि का मकर राशि में होने से धनु मकर व कुम्भ राशिवालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि धैय्या का प्रभाव है. ऐसे में शनि अमावस्या का दिन इन राशि के लोगों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. मान्यता है कि शनि अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती व धैय्या से पीड़ित राशियों के शनि संबंधित उपायों को करने से अशुभ का प्रभाव कम होता है (Amavasya of Bhadrapada month).

भाद्रपद मास में शनि अमावस्या का विशेष महत्व है.

इस विधि से करें शनि की पूजा

  • शनि अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें
  • शनि अमावस्या के दिन शनि मन्दिर का साफ सफाई करें
  • इसके बाद शनि की विधिवत पूजा करें
  • शनिदेव को सरसों तेल में काले तील मिलाकर अभिषेक करें
  • अब शनिदेव को नीला फूल चढ़ाएं
  • शनि अमावस्या के दिन शनि महाराज के दर्शन करने से शनि दोष मुक्त होने की मान्यता है
  • शनि अमावस्या के दिन शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शमी वृक्ष की पूजा करें
  • शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दिया जलाएं
  • शनि मंत्र का जाप करें

ये उपाय करें

  • शनि के दिन सरसों तेल का दान करे
  • हनुमान जी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं
  • सूर्यास्त के बाद पीपल के पास दिया जलाकर सात बार परिक्रमा करें एवं शनि का जाप करें
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