नई दिल्ली: आज दिल्ली प्रशासन ने निगमबोध घाट एवं पंजाबी बाग सहित सभी बड़े श्मशान घाटों पर कोविड-19 शवों को खुले में लकड़ी से जलाने के आदेश कर दिए हैं. इसके लिए श्मशान घाट व्यवस्थापकों पर अधिकारी दबाव बना रहे हैं. लेकिन, श्मशान घाटों पर अंत्येष्टि कराने वाले आचार्य एवं कर्मी इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.
आचार्य और कर्मी जता रहे कड़ा विरोध
श्मशान घाटों पर अंत्येष्टि कराने वाले आचार्य एवं कर्मियों का कहना है कि श्मशान घाट पर खुले में जब शव जलता है तो उसकी राख उड़ती है और ऐसे में जब कोविड-19 से संक्रमित शव खुले में जलेंगे तो उनकी भी राख उड़ेगी, जो कि वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकती है. लोक स्वास्थ्य दृष्टिकोण से सरकार ने CNG प्रक्रिया से अंत्येष्टि का निर्णय किया था पर अब यह लकड़ी में जलवाने का निर्णय दिल्ली सरकार की एक और लापरवाही है.
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया है कि कोविड-19 संक्रमित शवों को खुले में लकड़ी में जलवाने के निर्णय को लोक स्वास्थ्य हित से वापस लिया जाए.