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Pakistan Crisis : पाकिस्तान की मदद को आगे आया ये देश, दे रहा 2 अरब डॉलर की फंडिंग

पाकिस्तान काफी लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. वहां जरूरी सामानों की कीमत आसमान छू रही हैं. महंगाई अपने चरम पर है. ऐसे में सामानों का आयात करने और महंगाई से राहत पाने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ और अन्य देशों से मदद मांग रहा है. इसी कड़ी में एक देश पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है, जो उसे 2 अरब की फंडिंग देगा. जिस कारण Pakistan को अब IMF से भी मदद मिल जाएगी. पढ़ें पूरी खबर.

Pakistan Crisis
पाकिस्तान आर्थिक संकट
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Published : Apr 7, 2023, 9:56 AM IST

Updated : Apr 7, 2023, 10:13 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में वह आईएमएफ समेत अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. इस मुश्किल समय में सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. जानकार सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर की फंडिंग की मंजूरी मिल गई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, International Monetary Fund (IMF) के साथ एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते तक पहुंचने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. IMF ने पाकिस्तान को 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के पुनरुद्धार के लिए अन्य देशों से 3 अरब डॉलर हासिल करने की शर्त लगाई है.

IMF ब्याज दर में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहा : सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के प्रावधान को हरी झंडी देने के अलावा, सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री इशाक डार 10 अप्रैल को अमेरिका जाने से पहले UAE के दौरे पर जाएंगे. सूत्रों ने आगे कहा कि आईएमएफ अभी भी मुद्रास्फीति के अनुसार ब्याज दर में और वृद्धि की अपनी मांग पर जोर दे रहा है और 900 अरब रुपये की वार्षिक सब्सिडी का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ चाहता है कि पेट्रोलियम विकास लेवी (पीडीएल) के रूप में पाकिस्तान 850 अरब पीकेआर एकत्र करे.

पढ़ें : World Bank : वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की GDP ग्रोथ का लगाया अनुमान, भारी गिरावट की आशंका

पेट्रोल- डीजल आयात कम करने की मांग : सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान से पेट्रोल और डीजल के आयात को कम करने की मांग भी कर रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि वैश्विक ऋणदाता ने पीडीएल और करों की कमी को पूरा करने की भी मांग की थी. पिछले महीने, आईएमएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने ऋण प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में 'पर्याप्त प्रगति' की है, जिसे देश को डिफॉल्ट से बचने की आवश्यकता है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय ऋणदाता ने कहा कि डिफॉल्ट से बचने के लिए 6.5 अरब डॉलर के ऋण को अनलॉक करने से पहले पाकिस्तान के पास कुछ और कार्य थे, सरकार पर उन देशों से आश्वासन सुरक्षित करने के लिए दबाव डालना जिन्होंने वित्तपोषण सहायता का वादा किया है. पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के निवासी प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज रुइज ने कहा कि कुछ शेष बिंदुओं को बंद करने के बाद एक कर्मचारी-स्तर का समझौता होगा.
(आईएएनएस)

पढ़ें : Indians Planning : अगले छह महीनों में ज्यादातर भारतीय इन चीजों में करेंगे कटौती, इस कारण से रहते हैं तनाव में

इस्लामाबाद : पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में वह आईएमएफ समेत अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. इस मुश्किल समय में सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. जानकार सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर की फंडिंग की मंजूरी मिल गई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, International Monetary Fund (IMF) के साथ एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते तक पहुंचने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. IMF ने पाकिस्तान को 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के पुनरुद्धार के लिए अन्य देशों से 3 अरब डॉलर हासिल करने की शर्त लगाई है.

IMF ब्याज दर में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहा : सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के प्रावधान को हरी झंडी देने के अलावा, सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री इशाक डार 10 अप्रैल को अमेरिका जाने से पहले UAE के दौरे पर जाएंगे. सूत्रों ने आगे कहा कि आईएमएफ अभी भी मुद्रास्फीति के अनुसार ब्याज दर में और वृद्धि की अपनी मांग पर जोर दे रहा है और 900 अरब रुपये की वार्षिक सब्सिडी का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ चाहता है कि पेट्रोलियम विकास लेवी (पीडीएल) के रूप में पाकिस्तान 850 अरब पीकेआर एकत्र करे.

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पेट्रोल- डीजल आयात कम करने की मांग : सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान से पेट्रोल और डीजल के आयात को कम करने की मांग भी कर रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि वैश्विक ऋणदाता ने पीडीएल और करों की कमी को पूरा करने की भी मांग की थी. पिछले महीने, आईएमएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने ऋण प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में 'पर्याप्त प्रगति' की है, जिसे देश को डिफॉल्ट से बचने की आवश्यकता है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय ऋणदाता ने कहा कि डिफॉल्ट से बचने के लिए 6.5 अरब डॉलर के ऋण को अनलॉक करने से पहले पाकिस्तान के पास कुछ और कार्य थे, सरकार पर उन देशों से आश्वासन सुरक्षित करने के लिए दबाव डालना जिन्होंने वित्तपोषण सहायता का वादा किया है. पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के निवासी प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज रुइज ने कहा कि कुछ शेष बिंदुओं को बंद करने के बाद एक कर्मचारी-स्तर का समझौता होगा.
(आईएएनएस)

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Last Updated : Apr 7, 2023, 10:13 AM IST
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