नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) भारतीय रेलवे की मांग को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष (2023-24) में 55,000 पहियों (व्हील्स) का उत्पादन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अतुल भट्ट ने यह जानकारी दी.
आरआईएनएल का सालाना उत्पादन क्षमता : विशाखापत्तनम की कंपनी RINL ने उत्तर प्रदेश के लालगंज में एक पहिया संयंत्र लगाया है. इसकी सालाना उत्पादन क्षमता एक लाख फोर्ज्ड पहियों की है. इस संयंत्र पर 2,350 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. RINL ने बीते वित्त वर्ष में रेलवे को 2,465 लोको पहियों और 2,639 एलएचबी पहियों की आपूर्ति की है. भट्ट ने कहा, 'इस संयंत्र के लिए शुरुआती स्वीकृति प्रमाणपत्र (पीएसी) जारी किया जा चुका है. बहुत जल्द इस संयंत्र का उत्पादन बढ़ाया जाएगा जिससे चालू वित्त वर्ष के लिए रेलवे की 55,000 पहियों की मांग को पूरा किया जा सके.’
कंपनी ने 2021 में निर्माण कार्य शुरू किया : इस्पात विनिर्माता कंपनी ने दिसंबर, 2021 में पहियों की आपूर्ति शुरू की थी. उस समय उसने अपनी उत्तर प्रदेश की रायबरेली इकाई से रेलवे को 51 लोको पहियों की खेप भेजी थी. भट्ट ने दावा किया कि संयंत्र के लक्षित 50 प्रतिशत उपयोग से आयात पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी और रेलवे को आयातित की तुलना में बेहतर गुणवत्ता वाले ‘मेड इन इंडिया’ पहिये मिल सकेंगे.
अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को भी करेगा पूरा : उन्होंने कहा कि यह दुनिया के आधुनिक संयंत्रों में से है. ‘इस संयंत्र में उत्पादित फोर्ज्ड पहिये द्रुत गति की 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनों की जरूरत को पूरा कर सकेंगे.’ उन्होंने आगे कहा कि घरेलू के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को पूरा करने के लिए नई सुविधाओं को जोड़कर सालाना क्षमता को दो लाख पहियों तक किया जा सकता है. इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली आरआईएनएल विशेष इस्पात का उत्पादन करती है.
(पीटीआई- भाषा)
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