नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) ने दिल्ली स्थित प्योर ड्रिंक्स ग्रुप से घरेलू कोल्ड ड्रिंक ब्रांड कैम्पा का अधिग्रहण (Reliance Industries acquires Campa) किया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, यह सौदा करीब 22 करोड़ रुपये में होने का अनुमान है और रिलायंस रिटेल वेंचर्स इसे दिवाली के आसपास स्थानीय बाजारों में पेश करेगी. गौरतलब है कि रिलायंस ने इस सप्ताह ही दैनिक उपयोग के सामान यानी एफएमसीजी क्षेत्र में उतरने की घोषणा की थी.
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के रिलायंस समूह की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने पहले ही अपने चुनिंदा स्टोरों पर इसके तीन संस्करण - कोला, नारंगी और नींबू फ्लेवर पेश किए हैं. इस समय कैम्पा को जालान फूड प्रोडक्ट्स द्वारा पैक किया जाता है. भारतीय शीतल पेय बाजार में अमेरिकी कोला कंपनियों - कोकाकोला इंडिया और पेप्सिको का दबदबा है. यह अधिग्रहण रिलायंस की तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना का हिस्सा है.
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) की निदेशक ईशा अंबानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा था कि कंपनी अपना एफएमसीजी कारोबार शुरू करेगी. एफएमसीजी खंड में अपने विस्तार अभियान के हिस्से तहत रिलायंस पहले ही कई निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है. इनकी घोषणा सौदों को अंतिम रूप देने के बाद की जाएगी.
एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय एफएमसीजी बाजार 100 अरब डॉलर से अधिक का है. इसमें हिंदुस्तान यूनिलीवर, रेकिट, पीएंडजी, नेस्ले जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और डाबर, इमामी और मैरिको जैसी घरेलू कंपनियों का वर्चस्व है. रिलायंस अब इस खंड की अग्रणी कंपनी अडाणी विल्मर और अन्य एफएमसीजी कंपनियों से मुकाबला करेगी. कैम्पा कोला 1970 के दशक में प्योर ड्रिंक्स ग्रुप द्वारा बनाया गया एक पेय है.
यह भी पढ़ें- AGM में ईशा अंबानी की घोषणा, रिलायंस रिटेल इस साल FMCG सेगमेंट में रखेगी कदम
प्योर ड्रिंक्स ग्रुप (Pure Drinks) ने 1949 में कोकाकोला को भारत में पेश किया और 1977 तक वह कोकाकोला का एकमात्र निर्माता और वितरक था. कोक को 1977 में देश छोड़ने के लिए कहा गया था. इसके बाद किसी विदेशी प्रतिस्पर्धा के अभाव में कैम्पा ब्रांड का अगले 15 साल तक भारतीय बाजार पर दबदबा रहा. इस समय यह सीमित संख्या में केवल कुछ बाजारों में ही बेचा जाता है.
(पीटीआई-भाषा)