इस्लामाबाद : आईएमएफ को खुश करने के लिए पाकिस्तान कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने औसत बिजली शुल्क में प्रति यूनिट 3.39 पीकेआर के स्पेशल फाइनेंसिंग सरचार्ज लगाने को मंजूरी दी है. इसमें एक वर्ष के लिए 3.21 पीकेआर प्रति यूनिट तक के त्रैमासिक टैरिफ समायोजन के अलावा लगभग तीन महीने के लिए 4 पीकेआर प्रति यूनिट तक के लंबित ईंधन लागत समायोजन की वसूली शामिल है.
बिजली दरों में बढ़ोतरी का हाल : डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फाइनेंसिंग सरचार्ज औसत आधार राष्ट्रीय टैरिफ का एक नियमित हिस्सा रहेगा, दो अन्य टैरिफ समायोजन कभी-कभी एक साथ ओवरलैप होंगे और अन्य समय में उतार-चढ़ाव होते रहेंगे. इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2024) के लिए 1 पीकेआर प्रति यूनिट की दर से एक अन्य सरचार्ज को अग्रिम रूप से मंजूरी दी गयी है, जो कि बिजली क्षेत्र की कर्ज सेवा को कवर करने के लिए 43 पैसे प्रति यूनिट के मौजूदा और सतत फाइनेंसिंग सरचार्ज के ऊपर है.
बेल आउट पैकेज पर IMF से नहीं बनी बात: गौरतलब है कि कल यानि 10 फरवरी को पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच 11 घंटे की लंबी बातचीत चली थी पाकिस्तान को बेल आउट पैकेज देने के लिए. लेकिन आईएमएफ को पाकिस्तान के वादों पर भरोसा न होने के कारण इस मसले पर कोई समाधान न निकाल सका था. मिडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार के पास आईएमएफ से लिए सात अरब डॉलर कर्ज के भुगतान का कोई विश्वनीय प्लान है. इसके साथ ही देश की बदहाली को ठीक करने का कोई रोड मैप नहीं है. इसलिए अब पाकिस्तान आईएमएफ को खुश करने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे रहा है.
(आईएएनएस)
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