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Pak Rupee Fall : केयरटेकर सरकार के पहले दिन पाक रुपया 3 महीने के निचले स्तर पर

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में राजनीतिक उत्थल-पुथल जारी है. इसी बीच केयरटेयर पीएम के रूप में अनवर-उल-हक काकर ने सत्ता संभाल लिया है. इसी बीच पाकिस्तानी रुपया पहले दिन हाल के कई माह में पहली बार निचले स्तर पर पहुंच गया. पढ़े पूरी खबर..

Pak Rupee Fall
पाकिस्तानी रुपया
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Published : Aug 15, 2023, 5:08 PM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान में केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर के सत्ता संभालने के पहले दिन मंगलवार को पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) में भारी गिरावट देखी गई. यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन महीने के निचले स्तर 292 पर बंद हुआ.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरबैंक बाजार में डॉलर के मुकाबले 3 पाक रूपए की गिरावट आई. यह गिरावट बिल्कुल बाजार की अटकलों के अनुरूप थी कि घरेलू मुद्रा को अवमूल्यन के एक नए दौर का सामना करना पड़ेगा. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों के दौरान पाक मुद्रा डॉलर के मुकाबले लगभग 288 रुपये पर स्थिर रही.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जून के अंत में हासिल किए गए नवीनतम 3 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम के तहत मुद्रा का अवमूल्यन होने वाला है. हालांकि, गठबंधन सरकार ने अपने शासन के अंतिम दो महीनों के दौरान अवमूल्यन नहीं किया और इसे केयरटेकर व्यवस्था पर छोड़ दिया.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार की चर्चा से पता चलता है कि आयात पर सभी प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले के बाद रुपया कमजोर होना तय था. आयात प्रतिबंधों में ढील से डॉलर की मांग बढ़ गई है, जिससे स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ना तय था. अब देखना है कि आने वाले समय में पाकिस्तानी मुद्रा मजबूत होती है या कमजोर.

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  • पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम होंगे अनवर-उल-हक काकर

नई दिल्ली : पाकिस्तान में केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर के सत्ता संभालने के पहले दिन मंगलवार को पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) में भारी गिरावट देखी गई. यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन महीने के निचले स्तर 292 पर बंद हुआ.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरबैंक बाजार में डॉलर के मुकाबले 3 पाक रूपए की गिरावट आई. यह गिरावट बिल्कुल बाजार की अटकलों के अनुरूप थी कि घरेलू मुद्रा को अवमूल्यन के एक नए दौर का सामना करना पड़ेगा. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों के दौरान पाक मुद्रा डॉलर के मुकाबले लगभग 288 रुपये पर स्थिर रही.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जून के अंत में हासिल किए गए नवीनतम 3 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम के तहत मुद्रा का अवमूल्यन होने वाला है. हालांकि, गठबंधन सरकार ने अपने शासन के अंतिम दो महीनों के दौरान अवमूल्यन नहीं किया और इसे केयरटेकर व्यवस्था पर छोड़ दिया.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार की चर्चा से पता चलता है कि आयात पर सभी प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले के बाद रुपया कमजोर होना तय था. आयात प्रतिबंधों में ढील से डॉलर की मांग बढ़ गई है, जिससे स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ना तय था. अब देखना है कि आने वाले समय में पाकिस्तानी मुद्रा मजबूत होती है या कमजोर.

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