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MNREGA Allocation In Budget 2023: मनरेगा मांग आधारित योजना, बजट 2023 में धन आवंटन में कमी नहीं : सीतारमण - मनरेगा मांग आधारित योजना

बजट 2023- 24 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए किए आवंटन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है, जिसका जवाब Finance Minister Niramala Sitharaman ने दिया. क्या है जवाब पढ़ें इस रिपोर्ट में.

Finance Minister Niramala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Published : Feb 18, 2023, 9:42 AM IST

भुवनेश्वर : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए धन आवंटन कम नहीं हुआ है. यह एक मांग संचालित योजना है और जब मांग बढ़ती है, तो केंद्र धन प्रदान करता है. बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, बजट आवंटन एक बात है और यह योजना अपने आप में एक मांग आधारित योजना है, जब भी मांग बढ़ती है, हम इसके लिए धन उपलब्ध कराते हैं. यह 2014 के बाद से पिछले वर्षों में किया गया है.
उन्होंने कहा, अगर आप पिछले वर्षों में देखें, तो हमने मनरेगा के लिए पूरक बजट में कुछ पैसे जोड़े हैं. यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी योजना के लिए आवंटन 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था. विशेष रूप से, 2022-2023 के बजट अनुमान (बीई) में 73,000 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले, वर्तमान आवंटन को घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
खाद्य खरीद फंड में कमी नहीं: गेहूं और चावल की खरीद के लिए फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे बिल्कुल भी कम नहीं किया है. सीतारमण ने कहा कि किसानों को दी गई कुल राशि बहुत अधिक है क्योंकि न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ गया है. उन्होंने कहा, खरीद पर खर्च की गई कुल राशि अब तक के उच्चतम स्तर पर है. आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन आंकड़ों में कोई कमी नहीं आ रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है.
ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए आवंटन: वित्त मंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए बजट में किए गए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए आवंटित धन कोई सब्सिडी नहीं है. यह जीवाश्म ईंधन से हरित ऊर्जा में संक्रमण के लिए है. उन्होंने कहा कि फंड सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी रिफाइनरियों को उनके उत्सर्जन को कम करने के लिए अपग्रेड करने और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि हमारे रणनीतिक भंडार पर्याप्त रूप से भरे हुए हैं.
सेबी सभी मामलो को केंद्र को नहीं बताता: अडाणी समूह की कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, एसबीआई पहले ही अपने जोखिम पर एक बयान दे चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) केंद्र को प्रत्येक मामले की रिपोर्ट नहीं करता है. मामले की अदालत में सुनवाई हो रही है, इसलिए शायद मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं होगा.
प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना: इस बीच, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लिए इस बजट में सांकेतिक राशि का प्रावधान किया गया है क्योंकि यह योजना अपनी पूर्णता पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा कि केंद्रीय पीएसयू नाल्को को विनिवेश के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

बजट 2023- 24 में आवंटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Niramala Sitharaman) ने Budget 2023-24 में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ आवंटित किए है. जो चालू वर्ष के लिए 89,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में कम है. यह चालू वर्ष 2022-23 के 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 18 प्रतिशत कम है.
(आईएएनएस)

भुवनेश्वर : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए धन आवंटन कम नहीं हुआ है. यह एक मांग संचालित योजना है और जब मांग बढ़ती है, तो केंद्र धन प्रदान करता है. बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, बजट आवंटन एक बात है और यह योजना अपने आप में एक मांग आधारित योजना है, जब भी मांग बढ़ती है, हम इसके लिए धन उपलब्ध कराते हैं. यह 2014 के बाद से पिछले वर्षों में किया गया है.
उन्होंने कहा, अगर आप पिछले वर्षों में देखें, तो हमने मनरेगा के लिए पूरक बजट में कुछ पैसे जोड़े हैं. यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी योजना के लिए आवंटन 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था. विशेष रूप से, 2022-2023 के बजट अनुमान (बीई) में 73,000 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले, वर्तमान आवंटन को घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
खाद्य खरीद फंड में कमी नहीं: गेहूं और चावल की खरीद के लिए फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे बिल्कुल भी कम नहीं किया है. सीतारमण ने कहा कि किसानों को दी गई कुल राशि बहुत अधिक है क्योंकि न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ गया है. उन्होंने कहा, खरीद पर खर्च की गई कुल राशि अब तक के उच्चतम स्तर पर है. आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन आंकड़ों में कोई कमी नहीं आ रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है.
ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए आवंटन: वित्त मंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए बजट में किए गए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए आवंटित धन कोई सब्सिडी नहीं है. यह जीवाश्म ईंधन से हरित ऊर्जा में संक्रमण के लिए है. उन्होंने कहा कि फंड सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी रिफाइनरियों को उनके उत्सर्जन को कम करने के लिए अपग्रेड करने और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि हमारे रणनीतिक भंडार पर्याप्त रूप से भरे हुए हैं.
सेबी सभी मामलो को केंद्र को नहीं बताता: अडाणी समूह की कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, एसबीआई पहले ही अपने जोखिम पर एक बयान दे चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) केंद्र को प्रत्येक मामले की रिपोर्ट नहीं करता है. मामले की अदालत में सुनवाई हो रही है, इसलिए शायद मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं होगा.
प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना: इस बीच, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लिए इस बजट में सांकेतिक राशि का प्रावधान किया गया है क्योंकि यह योजना अपनी पूर्णता पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा कि केंद्रीय पीएसयू नाल्को को विनिवेश के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

बजट 2023- 24 में आवंटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Niramala Sitharaman) ने Budget 2023-24 में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ आवंटित किए है. जो चालू वर्ष के लिए 89,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में कम है. यह चालू वर्ष 2022-23 के 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 18 प्रतिशत कम है.
(आईएएनएस)

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