नयी दिल्ली : पट्टादाताओं ने विमानन कंपनी गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है और विमानन नियामक डीजीसीए मई में उड़ानें रद्द करने की एयरलाइन की घोषणा के बाद से स्थिति पर नजर रख रहा है. सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी.
नकदी की कमी से जूझ रही सस्ते परिवहन वाली विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने 3 मई को अपनी उड़ानें बंद कर दी और वह स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है. राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए कुल 54 विमानों के पंजीकरण रद्द करने के लिए पट्टादाताओं से आवेदन प्राप्त हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘डीजीसीए द्वारा आवेदनों पर आगे की कार्रवाई, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, दिल्ली और माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष मामलों के नतीजे के आधार पर होगी.’ मंत्री ने यह भी कहा कि 2 मई को गो फर्स्ट द्वारा अपनी उड़ानें रद्द करने और दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता 2016 (आईबीसी) के तहत दिवालियापन के लिए दायर आवेदन की घोषणा के बाद से नियामक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है.
उन्होंने कहा, ‘गो फर्स्ट द्वारा परिचालन के निलंबन के मद्देनजर, एयरलाइंस को हवाई किराए को स्वयं विनियमित करने और उचित मूल्य स्तर बनाए रखने और उन क्षेत्रों में नई उड़ानें शुरू करने की सलाह दी गई है, जहां पर्याप्त संख्या में गो फर्स्ट उड़ानें हैं.’
सिंह ने कहा कि जनवरी 2018 से अब तक पट्टे वाले कुल 358 विमानों को भारतीय नागरिक विमान रजिस्ट्री से हटा दिया गया है. एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में, मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में, एयरलाइंस को हवाई अड्डों पर पार्किंग की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों पर उपलब्ध विमान पार्किंग स्टैंड की कुल संख्या 731 है. इसके अलावा, हवाई अड्डों पर पार्किंग स्टैंड के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे का उन्नयन एक सतत प्रक्रिया है और भूमि की उपलब्धता, यातायात की मांग आदि के आधार पर समय-समय पर एएआई और अन्य हवाईअड्डा डेवलपर द्वारा यह किया जाता है.’’
(पीटीआई-भाषा)