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अप्रैल-जून में स्टार्टअप कंपनियों में निवेश 40 प्रतिशत घटकर 6.8 अरब डॉलर पर: रिपोर्ट

स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश लगातार घटता जा रहा है. इसकी मुख्य वजह वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक संकट है.

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Published : Jul 10, 2022, 3:44 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चालू कैलेंडर साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 प्रतिशत घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया. भू-राजनीतिक संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही के अनुसार, शुरुआती चरण के सौदों में कुल मिलाकर 60 प्रतिशत से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया, 'लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में कुल निवेश चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 40 प्रतिशत घटकर 6.8 अरब डॉलर तक आ गया.' इसके अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, तकनीकी शेयर मूल्यांकन में कमी, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक संकट जैसे कारणों को स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में आए कुल वित्तपोषण में सॉफ्टवेयर एज सर्विस (एसएएएस)और वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनियों का हिस्सा सबसे अधिक रहा. इन क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियों को इस दौरान कुल 3.1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश मिला. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं. अप्रैल-जून तिमाही में कुल वित्तपोषण गतिविधियों में 95 प्रतिशत का योगदान इन शहरों का रहा. इनके बाद चेन्नई और पुणे का नंबर आता है.

ये भी पढ़ें : EPFO का बड़ा निर्णय, एक साथ सबको पेंशन देने की तैयारी

नई दिल्ली : भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चालू कैलेंडर साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 प्रतिशत घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया. भू-राजनीतिक संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही के अनुसार, शुरुआती चरण के सौदों में कुल मिलाकर 60 प्रतिशत से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया, 'लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में कुल निवेश चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 40 प्रतिशत घटकर 6.8 अरब डॉलर तक आ गया.' इसके अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, तकनीकी शेयर मूल्यांकन में कमी, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक संकट जैसे कारणों को स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में आए कुल वित्तपोषण में सॉफ्टवेयर एज सर्विस (एसएएएस)और वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनियों का हिस्सा सबसे अधिक रहा. इन क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियों को इस दौरान कुल 3.1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश मिला. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं. अप्रैल-जून तिमाही में कुल वित्तपोषण गतिविधियों में 95 प्रतिशत का योगदान इन शहरों का रहा. इनके बाद चेन्नई और पुणे का नंबर आता है.

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