नई दिल्ली: भारत में मानसून पूरी तरह से जोर पकड़ चुका है. इसके साथ ही देश के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बात महाराष्ट्र, राजस्थान से लेकर गुजरात की करें तो वहां के कई इलाके डूब गए हैं. देश की राजधानी दिल्ली के भी कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यह हर साल की बात है कि मानसून आने के साथ ही देश के कई इलाकों में बाढ़ आने लगती है. इस बाढ़ के चलते लाखों- करोड़ों का नुकसान होता है.
अब सवाल ये उठता है कि इस नुकसान की भरपाई के लिए हम यानी आम जनमानस क्या करते हैं. या फिर बाढ़ के कारण हुए नुकसान को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं. इसका जवाब है बीमा. बीमा हमारे होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई में मदद करता है. तो आइए जानते हैं कि बाढ़ का क्लेम शुरू करने के लिए क्या प्रक्रिया है?
सामान्य तौर पर हम स्वास्थ्य या कार दुर्घटना जैसी चीजों के लिए बीमा करवाते हैं. इन इंश्योरेंस का दावा करने के लिए आमतौर पर ऐसे लोग होते हैं जो प्रक्रिया शुरू करने में आपकी मदद करते हैं. लेकिन बात जब बाढ़ की आती है, तो आपको अपना क्लेम खुद करना होगा. इस काम को आसान बनाने के लिए बीमा नियामक ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह बाढ़ से संबंधित दावो में मदद के लिए हर समय अपने हेल्पलाइन नंबर को उपलब्ध रखें. आप इस नबंर का इस्तेमाल अपने क्लेम के लिए करें.
ऐसे करें बीमा कंपनियों से बाढ़ का क्लेम
सबसे पहले इंश्योरेस कंपनी को बाढ़ के बारे में इंफोर्म करें. फिर उनसे बात करते हुए पता लगाएं कि उन्हें आपसे क्या जानकारी चाहिए. जैसे ही बाढ़ का पानी चला आपको यह जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर देना चाहिए. बाढ़ के कारण हुए नुकसान का क्लेम करने के लिए आपको इस बात का प्रमाण दिखाना होगा कि आपको कितना नुकसान हुआ है और किन-किन चीजों का. इसलिए जैसे ही आप अपने घर, कार या किसी दूसरी क्षतिग्रस्त सामान को देखने जाएं, तुरंत फोटो क्लिक कर लें. इसके माध्यम से बीमा कंपनी को यह समझने में आसानी होगी कि क्या नुकसान हुआ है और कितना? फिर वह क्लेम के प्रोसेस को आगे बढ़ाएगी.
बाढ़ के क्लेम के लिए ये डाक्यूमेंट हैं जरूरी
इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए कई तरह के जरूरी डाक्यूमेंट की आवश्यकता होती हैं. जैसे- पॉलिसी डिटेल्स, बाढ़ से हुए नुकसान की तस्वीरें, किसी सामान के रिपेयर में कितना खर्च हुआ उसकी स्लिप, घटना से संबंधित गवाह का फोन या एड्रेस प्रूफ जैसे सभी जरूरी डाक्यूमेंट इक्ट्ठा कर लें. इसके बाद इंश्योरेंस क्लेम के फार्म को सही से भरे. इसमें बाढ़ की घटना के बारे में डिटेल जानकारी होनी चाहिए. मसलन- बाढ़ की तारीख, समय, स्थान और इंश्योरेंस कवर सामान को हुए नुकसान का स्पष्ट विवरण शामिल है. फार्म भरने के बाद पॉलिसी में बताई गई समयसीमा के भीतर क्लेम डाक्यूमेंट को बीमा कंपनी के पास जमा कर दें. इसके बाद किसी तरह की कोई दिक्कत होने पर बीमा कंपनी के दावा विभाग से संपर्क करने में कोई संकोच न करें.
2020 में आई बाढ़ से ₹52 हजार करोड़ का नुकसान
बाढ़ से हर साल देश को लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है. एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में भारत में आई बाढ़ से काफी नुकसान हुआ था. बाढ़ के चलते लगभग 7.5 बिलियन डॉलर, यानी भारतीय करेंसी अनुसार 52,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. बात करें प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की तो 1900 के बाद से देश को अबतक 150 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो चुका है.