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महामारी के बादल छंटने, भू-राजनीतिक तनाव घटने के बाद भारत की वृद्धि बढ़ेगी : सीईए

मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि महामारी के बादल छंटने और भू-राजनीतिक तनाव घटने के बाद देश की वृद्धि दर बढ़ेगी. वित्त मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित विशेष साप्ताहिक समारोह को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जहां उसे वैश्विक वृहद मौद्रिक नीतियों और राजनीतिक घटनाक्रमों दोनों की वजह से कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.

India's growth will pick up after pandemic clouds, geopolitical tensions ease: CEA
महामारी के बादल छंटने, भू-राजनीतिक तनाव घटने के बाद भारत की वृद्धि बढ़ेगी : सीईए
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Published : Jun 8, 2022, 1:58 PM IST

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि महामारी के बादल छंटने और भू-राजनीतिक तनाव घटने के बाद देश की वृद्धि दर बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) जैसे संरचनात्मक सुधार वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाले हैं.

वित्त मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित विशेष साप्ताहिक समारोह को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जहां उसे वैश्विक वृहद मौद्रिक नीतियों और राजनीतिक घटनाक्रमों दोनों की वजह से कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप मुद्रास्फीति की मौजूदा चिंता को छोड़कर देखें. भारत अपनी वित्तीय प्रणाली के बूते पिछले दशक से बाहर आया है. न केवल बैंकों और वित्तीय क्षेत्र का बही-खाता सुधरा है, बल्कि कॉरपोरेट क्षेत्र की स्थिति भी बेहतर हुई है.'

ये भी पढ़ें- RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया 0.50 फीसदी रेपो रेट, महंगा हुआ लोन

नागेश्वरन ने कहा, 'सरकार के तहत जीएसटी और आईबीसी जैसे कुछ संरचनात्मक सुधारों का असर बेशक अस्थायी तौर पर महामारी और भू-राजनीतिक तनाव जैसे बाहरी घटनाक्रमों की वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन एक बार इनके बादल छंटने के बाद ये संरचनात्मक सुधार भारत की वृद्धि दर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे,' सीईए ने कहा कि इस साल भारत के समक्ष सतत उच्च वृद्धि, मुद्रास्फीति को नीचे लाने और राजकोषीय घाटे को संतुलन में रखने की चुनौतियां होंगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि भारतीय रुपये का बाह्य मूल्य कायम रहे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि महामारी के बादल छंटने और भू-राजनीतिक तनाव घटने के बाद देश की वृद्धि दर बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) जैसे संरचनात्मक सुधार वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाले हैं.

वित्त मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित विशेष साप्ताहिक समारोह को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जहां उसे वैश्विक वृहद मौद्रिक नीतियों और राजनीतिक घटनाक्रमों दोनों की वजह से कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप मुद्रास्फीति की मौजूदा चिंता को छोड़कर देखें. भारत अपनी वित्तीय प्रणाली के बूते पिछले दशक से बाहर आया है. न केवल बैंकों और वित्तीय क्षेत्र का बही-खाता सुधरा है, बल्कि कॉरपोरेट क्षेत्र की स्थिति भी बेहतर हुई है.'

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नागेश्वरन ने कहा, 'सरकार के तहत जीएसटी और आईबीसी जैसे कुछ संरचनात्मक सुधारों का असर बेशक अस्थायी तौर पर महामारी और भू-राजनीतिक तनाव जैसे बाहरी घटनाक्रमों की वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन एक बार इनके बादल छंटने के बाद ये संरचनात्मक सुधार भारत की वृद्धि दर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे,' सीईए ने कहा कि इस साल भारत के समक्ष सतत उच्च वृद्धि, मुद्रास्फीति को नीचे लाने और राजकोषीय घाटे को संतुलन में रखने की चुनौतियां होंगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि भारतीय रुपये का बाह्य मूल्य कायम रहे.

(पीटीआई-भाषा)

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