नई दिल्ली: एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने अपने हाल के रिपोर्ट में कहा है कि 2030 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. 2030 तक 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है. पीएमआई का मुद्दा 2021 और 2022 में दो वर्षों की सबसे तेजी से आर्थिक वृद्धि के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 कैलेंडर वर्ष के दौरान निरंतर मजबूत वृद्धि दिखाना जारी रखा है. मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.2-6.3 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जो इस वित्तीय वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी. अप्रैल-जून तिमाही में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहेगी.
अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में मापी गई भारत की नॉमिनल जीडीपी 2022 में 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2030 तक 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. आर्थिक विस्तार की इस तीव्र गति के रिजल्ट से 2030 तक भारतीय जीडीपी का आकार जापानी जीडीपी से अधिक हो जाएगा, जिससे भारत दूसरा स्थान पर आ जाएगा. इसके साथ ही एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
2030 तक भारत की जीडीपी जर्मनी से भी आगे निकलेगा
2022 तक भारतीय जीडीपी का आकार ब्रिटेन और फ्रांस की जीडीपी से भी बड़ा हो चुका था. 2030 तक भारत की जीडीपी जर्मनी से भी आगे निकलने का अनुमान है. वर्तमान में अमेरिका 25.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. यह दुनिया की जीडीपी का एक चौथाई हिस्सा बनता है. चीन लगभग 18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो विश्व सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 17.9 फीसदी है. जापान 4.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जीडीपी के साथ तीसरे स्थान पर है, इसके बाद 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जीडीपी के साथ जर्मनी है.
भारत के तेजी से बढ़ते अर्थव्यवस्था के पीछे मध्यम वर्ग
एसएंडपी ग्लोबल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कारक इसका बड़ा और तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग है, जो उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद कर रहा है. वहीं, 2030 तक 1.1 अरब भारतीयों के पास इंटरनेट पहुंच होगी, जो 2020 में अनुमानित 500 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से दोगुने से भी अधिक है. ई-कॉमर्स की तीव्र वृद्धि और 4जी और 5जी स्मार्टफोन तकनीक में बदलाव से ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मेन्सा ब्रांड्स, लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप डेल्हीवेरी और तेजी से बढ़ते ऑनलाइन किराना विक्रेता बिगबास्केट जैसे घरेलू यूनिकॉर्न को बढ़ावा मिलेगा, जिनकी ई-बिक्री में वृद्धि हुई है. भारत में एफडीआई प्रवाह में पिछले पांच वर्षों में जो बड़ी वृद्धि देखी गई है. अगले दशक में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत बन सकता है.