नई दिल्ली : भारत का इलेक्ट्रानिक निर्यात मामले में वित्त- वर्ष 2022-23 अच्छा रहा. इस साल देश ने 1,85,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामानों का रिकॉर्ड निर्यात किया. जो कि वित्त वर्ष 21-22 में 1,16,936 करोड़ रुपये की तुलना में 58 फीसदी की भारी वृद्धि है. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी.
मोबाइल फोन का सबसे ज्यादा निर्यात : वित्त वर्ष 2023 में मोबाइल फोन निर्यात ने पहली बार 10 बिलियन डॉलर की सीमा को पार कर इतिहास रच दिया, जो अनुमानित 11.12 बिलियन डॉलर (90,000 करोड़ रुपये से अधिक) तक पहुंच गया. मोबाइल फोन का निर्यात अब कुल इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात का 46 फीसदी है. जो भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बाजार में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है. यह वृद्धि मुख्य रूप से एप्पल पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा संचालित है, जिसने वित्त वर्ष 23 में अकेले भारत से निर्यात में रिकॉर्ड 5 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है.
ये देश भारत के बड़े आयातक : मोबाइल फोन के लिए शीर्ष निर्यात स्थलों में संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, नीदरलैंड, यूके और इटली शामिल हैं. आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, मोबाइल फोन निर्यात का सिलसिला जारी है. यह बेहद संतोषजनक है कि हमने वर्ष के लिए 75,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर लिया है. उद्योग और सरकार साझेदारी में अन्य कार्यक्षेत्रों में इसे दोहराने के लिए जोर-शोर से काम कर रहे हैं.
भविष्य के लिए रोडमैप : उन्होंने कहा, हमें आगे की राह पर केंद्रित रहना चाहिए और भविष्य में हम जो हासिल कर सकते हैं उसकी सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखना चाहिए. मोबाइल फोन के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उत्कृष्ट प्रदर्शन अन्य इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट के लिए प्रेरणा का काम करता है ताकि विनिर्माण और निर्यात बढ़ाने में इस सफलता का अनुकरण किया जा सके.
फोन के निर्यात में 50 अरब डॉलर करने का लक्ष्य : महेंद्रू ने कहा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोगी माहौल को बढ़ावा देकर, हम विकास और नवाचार के लिए नए अवसर पैदा कर सकते हैं. अंतत: 2025-26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए 300 बिलियन डॉलर के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को पूरा कर सकते हैं. 2025-26 तक अकेले मोबाइल फोन के निर्यात में 50 अरब डॉलर से अधिक का योगदान करने का अनुमान है.
(आईएएनएस)