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इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स का आग्रह, मालदीव को बढ़ावा देना बंद करें, काफी बेहतर है लक्षद्वीप

India-Maldives row- मालदीव विवाद तूल पकड़ता जा रहा है, जिसके बाद सोमवार को ट्रेड एंड टूरिज्म इंडस्ट्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे भारत विरोधी विचारों को देखते हुए मालदीव को बढ़ावा देना बंद करें. साथ ही कहा कि मालदीव से बेहतर लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप है. पढ़ें पूरी खबर...

India-Maldives row (Photo taken from Social Media of PM Modi)
भारत-मालदीव विवाद (फोटो पीएम मोदी के सोशल मीडिया से ली गई है)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 8, 2024, 4:38 PM IST

नई दिल्ली: मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के बाद भारत और मालदीव को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) ने सोमवार को ट्रेड एंड टूरिज्म इंडस्ट्री के सदस्यों से आग्रह किया कि वे भारत विरोधी विचारों को देखते हुए मालदीव को बढ़ावा देना बंद करें.

India-Maldives row (Photo taken from Social Media of PM Modi)
भारत-मालदीव विवाद (फोटो पीएम मोदी के सोशल मीडिया से ली गई है)

ICC ने किया अपील- मालदीव को बढ़ावा देना बंद करें
एक प्रेस रिलीज में, ICC ने कहा कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) की एविएशन और टूरिज्म समिति की ओर से, मैं सभी सदस्यों और इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO), ट्रैवल एजेंटों जैसे टूरिज्म ट्रेड एसोसिएशन से अपील करता हूं. एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई), ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएएफआई), एडवेंचर टूर ऑपरेशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेशंस (एडीटीआईओ) और एमआईसीई एजेंट भारत विरोधी भावनाओं के मद्देनजर मालदीव को बढ़ावा देना बंद कर देंगे.

मालदीव से बेहतर है लक्षद्वीप और अंडमान
इसमें आगे कहा गया है कि यह इस फैक्ट के बावजूद है कि मालदीव में भारतीय फॉरेन करेंसी और नौकरियों के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं. ऐसी सभी पूछताछ को लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर मोड़ दें जो कई मायनों में मालदीव से भी बेहतर हैं. अन्य डेस्टिनेशन जिन्हें भारत महासागर क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा सकता है वे हैं श्रीलंका, मॉरीशस, बाली, फुकेत आदि.

India-Maldives row (Photo taken from Social Media of PM Modi)
भारत-मालदीव विवाद (फोटो पीएम मोदी के सोशल मीडिया से ली गई है)

उन्होंने आगे कहा कि मैं मालदीव में परिचालन करने वाले सभी भारतीय कैरियर से अपील करता हूं कि वे अपने परिचालन को निलंबित कर दें और उड़ान योजना के तहत लक्षद्वीप में परिचालन के बारे में गंभीरता से सोचें. एफएचआरएआई और भारतीय होटल एसोसिएशन के सदस्यों से लक्षद्वीप द्वीप में निवेश पर गंभीरता से विचार करें. आगे कहा कि भविष्य में यह आपको मालदीव की तुलना में आपके निवेश पर बेहतर रिटर्न देगा.

क्या है मामला?
गौरतलब है कि सोमवार को भारत में मालदीव के हाई कमिश्नर को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया. वहीं सोशल मीडिया पर यह विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. पिछले हफ्ते मालदीव के उप मंत्री के साथ-साथ अन्य कैबिनेट सदस्यों और सरकारी अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बारे में अपमानजनक और भद्दे संदर्भ देने के बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया था. 2 जनवरी को, पीएम मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का दौरा किया और साझा किया था, जिसको लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी.

एक्स पर पोस्ट की एक चेन में, पीएम मोदी ने सफेद समुद्र तटों, प्राचीन नीले आसमान और समुद्र की तस्वीरें साझा कीं और उन्हें एक संदेश के साथ टैग किया, जिसमें लिखा था कि उन लोगों के लिए जो उनमें साहसिकता को अपनाना चाहते हैं, लक्षद्वीप जरूर शामिल होना चाहिए.

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पहुंचे चीन
वहीं, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर आज चीन पहुंचे है. मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन के प्रति उनके झुकाव के कारण नई दिल्ली के राजनयिक हलकों में संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. एक रास्ता जो पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन (2013-2018) के शासन के तहत शुरू किया गया था, जबकि उनके उत्तराधिकारी इब्राहिम सोलिह समर्थक थे.

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India-Maldives row (Photo taken from Social Media of PM Modi)
भारत-मालदीव विवाद (फोटो पीएम मोदी के सोशल मीडिया से ली गई है)

ICC ने किया अपील- मालदीव को बढ़ावा देना बंद करें
एक प्रेस रिलीज में, ICC ने कहा कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) की एविएशन और टूरिज्म समिति की ओर से, मैं सभी सदस्यों और इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO), ट्रैवल एजेंटों जैसे टूरिज्म ट्रेड एसोसिएशन से अपील करता हूं. एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई), ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएएफआई), एडवेंचर टूर ऑपरेशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेशंस (एडीटीआईओ) और एमआईसीई एजेंट भारत विरोधी भावनाओं के मद्देनजर मालदीव को बढ़ावा देना बंद कर देंगे.

मालदीव से बेहतर है लक्षद्वीप और अंडमान
इसमें आगे कहा गया है कि यह इस फैक्ट के बावजूद है कि मालदीव में भारतीय फॉरेन करेंसी और नौकरियों के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं. ऐसी सभी पूछताछ को लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर मोड़ दें जो कई मायनों में मालदीव से भी बेहतर हैं. अन्य डेस्टिनेशन जिन्हें भारत महासागर क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा सकता है वे हैं श्रीलंका, मॉरीशस, बाली, फुकेत आदि.

India-Maldives row (Photo taken from Social Media of PM Modi)
भारत-मालदीव विवाद (फोटो पीएम मोदी के सोशल मीडिया से ली गई है)

उन्होंने आगे कहा कि मैं मालदीव में परिचालन करने वाले सभी भारतीय कैरियर से अपील करता हूं कि वे अपने परिचालन को निलंबित कर दें और उड़ान योजना के तहत लक्षद्वीप में परिचालन के बारे में गंभीरता से सोचें. एफएचआरएआई और भारतीय होटल एसोसिएशन के सदस्यों से लक्षद्वीप द्वीप में निवेश पर गंभीरता से विचार करें. आगे कहा कि भविष्य में यह आपको मालदीव की तुलना में आपके निवेश पर बेहतर रिटर्न देगा.

क्या है मामला?
गौरतलब है कि सोमवार को भारत में मालदीव के हाई कमिश्नर को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया. वहीं सोशल मीडिया पर यह विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. पिछले हफ्ते मालदीव के उप मंत्री के साथ-साथ अन्य कैबिनेट सदस्यों और सरकारी अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बारे में अपमानजनक और भद्दे संदर्भ देने के बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया था. 2 जनवरी को, पीएम मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का दौरा किया और साझा किया था, जिसको लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी.

एक्स पर पोस्ट की एक चेन में, पीएम मोदी ने सफेद समुद्र तटों, प्राचीन नीले आसमान और समुद्र की तस्वीरें साझा कीं और उन्हें एक संदेश के साथ टैग किया, जिसमें लिखा था कि उन लोगों के लिए जो उनमें साहसिकता को अपनाना चाहते हैं, लक्षद्वीप जरूर शामिल होना चाहिए.

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पहुंचे चीन
वहीं, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर आज चीन पहुंचे है. मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन के प्रति उनके झुकाव के कारण नई दिल्ली के राजनयिक हलकों में संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. एक रास्ता जो पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन (2013-2018) के शासन के तहत शुरू किया गया था, जबकि उनके उत्तराधिकारी इब्राहिम सोलिह समर्थक थे.

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