ETV Bharat / business

भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय- टाटा स्टील सीईओ

भारतीय इस्पात संघ के सम्मेलन के दौरान टाटा स्टील के सीईओ ने क्यों कहा कि भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय है. पढ़ें पूरी खबर...(Indian Steel Association, importer of steel, CEO and Managing Director T V Narendran, Tata Steel, Carbon Limit Adjustment Mechanism)

भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय
भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय
author img

By PTI

Published : Nov 7, 2023, 4:01 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय इस्पात संघ के सम्मेलन के दौरान टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने मंगलवार को कहा कि भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय है, क्योंकि चीन की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात की कीमतें अभी भी थोड़ी नरम हैं.

वहीं, इस्पात संघ के सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर आयात बढ़ता है, तो सरकार इसपर विचार करेगी कि वह मदद के लिए क्या कर सकती है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को घरेलू उद्योग को भरोसा दिलाया कि भारत यूरोपीय संघ के कॉर्बन कर को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह अनुचित है. भारत पहले ही यूरोपीय संघ और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कार्बन कर पर अपनी चिंता जता चुका है.

कॉर्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) या कार्बन कर (एक तरह का आयात शुल्क) एक जनवरी, 2026 से लागू होगा. लेकिन सात कॉर्बन गहन क्षेत्रों मसलन इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, एल्युमीनियम और हाइड्रोकॉर्बन उत्पाद से जुड़ी घरेलू कंपनियों को इस साल एक अक्टूबर से ही कॉर्बन उत्सर्जन के आंकड़ों को यूरोपीय संघ के साथ साझा करना है.

पढ़ें-

Tata Steel नीदरलैंड सरकार से चाहती है वित्तीय सहायता, जानें वजह

Tata Steel की वित्तीय पैकेज पर ब्रिटेन सरकार से वार्ता अब भी जारी: सीईओ टी वी नरेंद्रन

गोयल ने कहा आगे कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम सीबीएएम को लेकर अत्यंत चिंतित हैं. हम डब्ल्यूटीओ के साथ इसे काफी गंभीरता से उठा रहे हैं. हम भारतीय उत्पादकों तथा निर्यातकों के लिए इसे उचित बनाने के लिए संघर्ष करेंगे. सीबीएएम को लेकर कोई कोताही नहीं होगी. स्टीलमिंट इंडिया के अनुसार, अक्टूबर में भारत का इस्पात आयात 4.6 लाख टन रहा है, जबकि निर्यात इसकी तुलना में कम यानी 2.4 लाख टन है.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय इस्पात संघ के सम्मेलन के दौरान टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने मंगलवार को कहा कि भारत का इस्पात का शुद्ध आयातक होना चिंता का विषय है, क्योंकि चीन की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात की कीमतें अभी भी थोड़ी नरम हैं.

वहीं, इस्पात संघ के सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर आयात बढ़ता है, तो सरकार इसपर विचार करेगी कि वह मदद के लिए क्या कर सकती है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को घरेलू उद्योग को भरोसा दिलाया कि भारत यूरोपीय संघ के कॉर्बन कर को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह अनुचित है. भारत पहले ही यूरोपीय संघ और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कार्बन कर पर अपनी चिंता जता चुका है.

कॉर्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) या कार्बन कर (एक तरह का आयात शुल्क) एक जनवरी, 2026 से लागू होगा. लेकिन सात कॉर्बन गहन क्षेत्रों मसलन इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, एल्युमीनियम और हाइड्रोकॉर्बन उत्पाद से जुड़ी घरेलू कंपनियों को इस साल एक अक्टूबर से ही कॉर्बन उत्सर्जन के आंकड़ों को यूरोपीय संघ के साथ साझा करना है.

पढ़ें-

Tata Steel नीदरलैंड सरकार से चाहती है वित्तीय सहायता, जानें वजह

Tata Steel की वित्तीय पैकेज पर ब्रिटेन सरकार से वार्ता अब भी जारी: सीईओ टी वी नरेंद्रन

गोयल ने कहा आगे कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम सीबीएएम को लेकर अत्यंत चिंतित हैं. हम डब्ल्यूटीओ के साथ इसे काफी गंभीरता से उठा रहे हैं. हम भारतीय उत्पादकों तथा निर्यातकों के लिए इसे उचित बनाने के लिए संघर्ष करेंगे. सीबीएएम को लेकर कोई कोताही नहीं होगी. स्टीलमिंट इंडिया के अनुसार, अक्टूबर में भारत का इस्पात आयात 4.6 लाख टन रहा है, जबकि निर्यात इसकी तुलना में कम यानी 2.4 लाख टन है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.