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स्विस बैंक में अनिल अंबानी के गोपनीय खाते, 420 करोड़ की टैक्स चोरी में इनकम टैक्स का नोटिस

आयकर विभाग ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ नोटिस जारी किया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने काला धन कानून के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की कर चोरी को लेकर मामला चलाने के लिये कार्रवाई की है.

Income Tax Dept issues prosecution notice to businessman Anil Ambani in connection with 'confidential' accounts in Swiss bankEtv Bharat
आयकर विभाग ने स्विस बैंक में गोपनीय खातों के मामले में अनिल अंबानी को अभियोजन नोटिस जारी कियाEtv Bharat
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Published : Aug 24, 2022, 11:06 AM IST

Updated : Aug 24, 2022, 11:16 AM IST

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने काला धन कानून के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की कर चोरी को लेकर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ मामला चलाने के लिये नोटिस जारी किया है. यह कर स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी धन से जुड़ा है. विभाग ने 63 वर्षीय अंबानी पर जानबूझकर कर नहीं चुकाने का आरोप लगाया है.

उसने कहा कि उद्योगपति ने जानबूझकर विदेश में बैंक खातों और वित्तीय हितों का ब्योरा कर अधिकारियों को नहीं दिया. अंबानी को इस संदर्भ में कारण बताओ नोटिस इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया. इस बारे में अंबानी के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. विभाग ने कहा कि उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने के मामला बनता है.

इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. विभाग ने आरोपों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है. उद्योगपति पर वित्त वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख कर चोरी का आरोप है. नोटिस के अनुसार, कर अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास स्थित इकाई डॉयमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नार्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं.

एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) में किया गया था. बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी. स्विस बैंक में खाता कंपनी का है. खाते में 31 दिसंबर, 2007 को सबसे अधिक 32,095,600 डॉलर (3.2 करोड़ डॉलर) की राशि थी. नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को शुरू में 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त हुआ था.

विभाग ने कहा है कि इस कोष का स्रोत अंबानी का व्यक्तिगत खाता था. यह पाया गया है कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिये केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं. ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कंपनी का गठन जुलाई, 2010 में हुआ. इसका खाता बैंक ऑफ साइप्रस (ज्यूरिख) में है.

ये भी पढ़ें- ऋषि सुनक बोले, मैं ब्रिटेन भारत के संबंध बदलना चाहता हूं, ताकि यह अधिक दोतरफा बन पाएं

विभाग ने दावा किया कि अंबानी इस कंपनी और उसके कोष के लाभार्थी मालिक हैं. विभाग के अनुसार, कंपनी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से 2012 में बहामास में पंजीकृत पीयूएसए नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर प्राप्त किये. ऐसा कहा जाता है कि इसके भी लाभार्थी मालिक अंबानी हैं. आयकर विभाग ने कहा, 'जो सबूत उपलब्ध हैं, उससे साफ है कि आप (अंबानी) विदेशी ट्रस्ट डॉयमंड ट्रस्ट में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. कंपनी ड्रीमवर्क्स होल्डिंग इंक का बैंक खाता, एनएटीयू और पीयूएसए के लाभकारी मालिक हैं.

अत: उपरोक्त संस्थाओं के पास उपलब्ध धन/संपत्ति आप ही की है.' विभाग ने आरोप लगाया है कि अंबानी इन विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के तुरंत बाद लाये गये काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया. कर अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की चूक जानबूझकर की गयी है. कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित कोष 8,14,27,95,784 रुपये (814 करोड़ रुपये) होने का आकलन किया है. इस पर कर देनदारी 420 करोड़ रुपये बनती है.

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने काला धन कानून के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की कर चोरी को लेकर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ मामला चलाने के लिये नोटिस जारी किया है. यह कर स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी धन से जुड़ा है. विभाग ने 63 वर्षीय अंबानी पर जानबूझकर कर नहीं चुकाने का आरोप लगाया है.

उसने कहा कि उद्योगपति ने जानबूझकर विदेश में बैंक खातों और वित्तीय हितों का ब्योरा कर अधिकारियों को नहीं दिया. अंबानी को इस संदर्भ में कारण बताओ नोटिस इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया. इस बारे में अंबानी के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. विभाग ने कहा कि उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने के मामला बनता है.

इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. विभाग ने आरोपों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है. उद्योगपति पर वित्त वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख कर चोरी का आरोप है. नोटिस के अनुसार, कर अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास स्थित इकाई डॉयमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नार्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं.

एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) में किया गया था. बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी. स्विस बैंक में खाता कंपनी का है. खाते में 31 दिसंबर, 2007 को सबसे अधिक 32,095,600 डॉलर (3.2 करोड़ डॉलर) की राशि थी. नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को शुरू में 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त हुआ था.

विभाग ने कहा है कि इस कोष का स्रोत अंबानी का व्यक्तिगत खाता था. यह पाया गया है कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिये केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं. ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कंपनी का गठन जुलाई, 2010 में हुआ. इसका खाता बैंक ऑफ साइप्रस (ज्यूरिख) में है.

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विभाग ने दावा किया कि अंबानी इस कंपनी और उसके कोष के लाभार्थी मालिक हैं. विभाग के अनुसार, कंपनी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से 2012 में बहामास में पंजीकृत पीयूएसए नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर प्राप्त किये. ऐसा कहा जाता है कि इसके भी लाभार्थी मालिक अंबानी हैं. आयकर विभाग ने कहा, 'जो सबूत उपलब्ध हैं, उससे साफ है कि आप (अंबानी) विदेशी ट्रस्ट डॉयमंड ट्रस्ट में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. कंपनी ड्रीमवर्क्स होल्डिंग इंक का बैंक खाता, एनएटीयू और पीयूएसए के लाभकारी मालिक हैं.

अत: उपरोक्त संस्थाओं के पास उपलब्ध धन/संपत्ति आप ही की है.' विभाग ने आरोप लगाया है कि अंबानी इन विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के तुरंत बाद लाये गये काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया. कर अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की चूक जानबूझकर की गयी है. कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित कोष 8,14,27,95,784 रुपये (814 करोड़ रुपये) होने का आकलन किया है. इस पर कर देनदारी 420 करोड़ रुपये बनती है.

Last Updated : Aug 24, 2022, 11:16 AM IST
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