नई दिल्ली: आयकर विभाग ने अप्रैल 2023 से शुरू हुए वित्त वर्ष के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) अधिसूचित किया है. करदाता इस सूचकांक का उपयोग अचल संपत्ति, प्रतिभूतियों और आभूषणों की बिक्री से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना के लिए करते हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (आकलन वर्ष 2024-25 के लिए प्रासंगिक) 348 पर था.
सामान्य तौर पर आयकर विभाग सीआईआई को जून के महीने में अधिसूचित करता है. बीते वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 331 और 2021-22 के लिए 317 था. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि आयकर विभाग ने इस वर्ष सीआईआई तीन महीने पहले ही अधिसूचित कर दिया, इससे अब करदाता 2023-24 की पहली तिमाही में पूंजीगत लाभ पर कर की सटीक गणना कर सकेंगे और आवश्यक अग्रिम कर का भुगतान कर सकेंगे.
पिछले वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति संख्या में गिरावट देखने को मिली थी. थोक मुद्रास्फीति संख्या जनवरी 2023 में 4.73 प्रतिशत (अस्थायी) थी, जो दिसंबर 2022 में 4.95 प्रतिशत रही थी. जनवरी 2023 में ईंधन और बिजली समूह (13.15 प्रतिशत के समग्र भार के साथ) का सूचकांक 1.39 प्रतिशत घटकर 155.8 रह गया था. अक्टूबर 2022 में कुल थोक महंगाई दर 8.39 थी और उसके बाद से लगातार गिरावट देखने को मिली थी.
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थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर 2022 तक लगातार 18 महीनों के लिए दोहरे अंकों में रही थी. खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2023 के महीने में फिर से आरबीआई के Upper tolerance band को पार कर गई, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.52 प्रतिशत पर जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला था कि ग्रामीण और शहरी भारत में खुदरा मुद्रास्फीति क्रमशः 6.85 प्रतिशत और 6.00 प्रतिशत थी.
(पीटीआई-भाषा)