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Global Economy 2023 में रहेगी तीव्र मंदी, अगले पांच वर्षो तक इसके बने रहने का जोखिम: आईएमएफ प्रमुख - विश्व अर्थव्यवस्था

IMF chief Kristalina Georgieva ने चेतावनी दी कि इस साल ग्लोबल ग्रोथ रेट तीन फीसदी से नीचे गिर सकती है. उन्होंने कहा कोरोना और रसिया- यूक्रेन वॉर के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था 1990 के बाद से विकास के सबसे कमजोर दौर की ओर बढ़ रही है, जो अगले पांच वर्षों तक बनी रहने की आशंका है. पढ़ें पूरी खबर.

IMF chief Kristalina Georgieva
आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
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Published : Apr 7, 2023, 10:53 AM IST

वाशिंगटन : वैश्विक अर्थव्यवस्था 1990 के बाद से विकास के सबसे कमजोर दौर की ओर बढ़ रही है, क्योंकि दुनिया के शीर्ष केंद्रीय बैंकों द्वारा निर्धारित उच्च ब्याज दरें घरों और व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत को बढ़ाती हैं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख ने चेतावनी दी है. एक मीडिया आउटलेट ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी द गार्जियन के अनुसार आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी के बाद के झटकों और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद विश्व अर्थव्यवस्था में तीव्र मंदी 2023 में जारी रहेगी और अगले पांच वर्षो तक इसके बने रहने का जोखिम है.

अगले हफ्ते वाशिंगटन डीसी में फंड की स्प्रिंग मीटिंग से पहले एक प्रारंभिक भाषण में उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास अगले पांच वर्षो में लगभग 3 प्रतिशत रहेगा. यह 1990 के बाद से सबसे कम मध्यम अवधि के विकास का अनुमान है. जॉर्जीवा ने कहा, 'इससे गरीबी को कम करना, कोविड संकट के आर्थिक निशान को ठीक करना और सभी के लिए नए और बेहतर अवसर प्रदान करना और भी कठिन हो जाता है.'

मीडिया आउटलेट ने बताया, दशकों में दुनिया सबसे खराब मुद्रास्फीति के झटके से जूझ रही है. विशेष रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधि धीमी हो रही है. जबकि विकासशील देशों से कुछ गति थी - चीन और भारत सहित कम आय वाले देश भी उच्च उधार लागत और उनके निर्यात की गिरती मांग से पीड़ित थे.
पढ़ें : Pakistan Crisis : पाकिस्तान की मदद को आगे आया ये देश, दे रहा 2 अरब डॉलर की फंडिंग

अगले सप्ताह IMF द्वारा संशोधित आर्थिक पूर्वानुमान प्रकाशित करने से पहले जॉर्जीवा ने कहा कि 2022 में वैश्विक विकास 2021 में कोविड महामारी से शुरुआती रिबाउंड के बाद से लगभग आधा गिर गया था, जो 6.1 फीसदी से घटकर 3.4 फीसदी हो गया था. उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती उधारी लागत और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के साथ. उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास 2023 में 3 प्रतिशत से नीचे गिरने और आने वाले वर्षो में कमजोर रहने की राह पर है.

जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि इस साल 90 फीसदी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को अपनी विकास दर में गिरावट का अनुभव होगा. अमेरिका में गतिविधि के साथ और यूरोजोन उच्च ब्याज दरों से प्रभावित हुआ. जॉर्जीवा ने कहा कि अभी और भी समस्याओं को दूर करना बाकी है : 'पहले कोविड था, फिर यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, मुद्रास्फीति और जीवन संकट की लागत जिसने सभी को प्रभावित किया.'
(आईएएनएस)

पढ़ें : Indians Planning : अगले छह महीनों में ज्यादातर भारतीय इन चीजों में करेंगे कटौती, इस कारण से रहते हैं तनाव में

वाशिंगटन : वैश्विक अर्थव्यवस्था 1990 के बाद से विकास के सबसे कमजोर दौर की ओर बढ़ रही है, क्योंकि दुनिया के शीर्ष केंद्रीय बैंकों द्वारा निर्धारित उच्च ब्याज दरें घरों और व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत को बढ़ाती हैं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख ने चेतावनी दी है. एक मीडिया आउटलेट ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी द गार्जियन के अनुसार आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी के बाद के झटकों और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद विश्व अर्थव्यवस्था में तीव्र मंदी 2023 में जारी रहेगी और अगले पांच वर्षो तक इसके बने रहने का जोखिम है.

अगले हफ्ते वाशिंगटन डीसी में फंड की स्प्रिंग मीटिंग से पहले एक प्रारंभिक भाषण में उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास अगले पांच वर्षो में लगभग 3 प्रतिशत रहेगा. यह 1990 के बाद से सबसे कम मध्यम अवधि के विकास का अनुमान है. जॉर्जीवा ने कहा, 'इससे गरीबी को कम करना, कोविड संकट के आर्थिक निशान को ठीक करना और सभी के लिए नए और बेहतर अवसर प्रदान करना और भी कठिन हो जाता है.'

मीडिया आउटलेट ने बताया, दशकों में दुनिया सबसे खराब मुद्रास्फीति के झटके से जूझ रही है. विशेष रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधि धीमी हो रही है. जबकि विकासशील देशों से कुछ गति थी - चीन और भारत सहित कम आय वाले देश भी उच्च उधार लागत और उनके निर्यात की गिरती मांग से पीड़ित थे.
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अगले सप्ताह IMF द्वारा संशोधित आर्थिक पूर्वानुमान प्रकाशित करने से पहले जॉर्जीवा ने कहा कि 2022 में वैश्विक विकास 2021 में कोविड महामारी से शुरुआती रिबाउंड के बाद से लगभग आधा गिर गया था, जो 6.1 फीसदी से घटकर 3.4 फीसदी हो गया था. उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती उधारी लागत और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के साथ. उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास 2023 में 3 प्रतिशत से नीचे गिरने और आने वाले वर्षो में कमजोर रहने की राह पर है.

जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि इस साल 90 फीसदी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को अपनी विकास दर में गिरावट का अनुभव होगा. अमेरिका में गतिविधि के साथ और यूरोजोन उच्च ब्याज दरों से प्रभावित हुआ. जॉर्जीवा ने कहा कि अभी और भी समस्याओं को दूर करना बाकी है : 'पहले कोविड था, फिर यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, मुद्रास्फीति और जीवन संकट की लागत जिसने सभी को प्रभावित किया.'
(आईएएनएस)

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