हैदराबाद: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल के सप्ताह में MPC बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. जिसके चलते कर्जदारों को कुछ राहत मिली है, लेकिन यह राहत कब तक रहेगी, इसे लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. लोन महंगा होने पर लेंडर्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वो होम लोन कम लेने लगते हैं, जिससे घर खरीदारी प्रभावित होती है. पिछले कुछ महीनों से थोक महंगाई और खुदरा महंगाई में गिरावट देखी गई है, जिसके चलते ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में RBI रेपो रेट में कटौती हो सकती है, जिससे लोन सस्ते होने के आसार हैं. ऐसे में क्या आपको मौजूदा हालात में होम लोन लेना चाहिए? या थोड़ी देर और इंतजार करना चाहिए? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में...
1. अगर आप पहले से ही घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होता रहता है. होम लोन आमतौर पर फ्लोटिंग इंटरेस्ट के आधार पर होते हैं. जब भी रेपो रेट में बदलाव होता है तो ये बदल जाते हैं. इसलिए, ब्याज दरों के बारे में सोचे बिना होम लोन लेने की तैयारी करें.
2. हालांकि छोटी सी प्लानिंग से आपका मकान मालिक बनने का सपना साकार हो सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है आपका आर्थिक रुप से स्टैबल होना. क्योंकि होम लोन लंबे समय के लिए चलता है और एक निश्चित राशि मंथली EMI के रुप में देनी होती है. आमतौर पर घर की कीमत के 75-80 फीसदी तक लोन मिलता है. स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन जैसे अन्य खर्चे भी हैं. आपको संपत्ति मूल्य का कम से कम 30-40 प्रतिशत वहन करना होगा. बेहतर आर्थिक स्थिति आने तक घर के मालिक होने का फैसला टाल देना चाहिए.
3. बैंक अब लोन के इंटरेस्ट रेट को क्रेडिट स्कोर से जोड़ रहे हैं. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको इंटरेस्ट में छूट मिलेगी. यह आपको लंबे समय में पैसा बचाएगा. अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट रेट देना होगा. इससे आपका लोन और महंगा हो जाएगा. क्रेडिट स्कोर में 750 अंक से अधिक अंक होने पर लोन आसानी से मिल जाता है. इसलिए लोन लेने से पहले यह जरूर चेक करें कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छी स्थिति में है या नहीं.
4. वर्तमान समय में इंटरेस्ट रेट हाई है. अगर मुद्रास्फीति लंबे समय तक आरबीआई के टालरेंस लेवल पर रहती है तो केंद्रीय बैंक इंटरेस्ट रेट में कटौती कर सकती है. हालांकि अगर आप घर खरीदने का फैसला कर चुके हैं तो इंटरेस्ट रेट में कटौती होने का इंतजार न ही करें. क्योंकि आप फ्लोटिंग इंटरेस्ट के आधार पर लोन लेंगे. इसलिए, जब भी रेपो रेट नीचे जाता है, तो इससे जुड़े होम लोन पर इंटरेस्ट कम हो जाता है. तो, कोई समस्या नहीं होगी.
5. अगर आप फिकस्ड सैलरी कमाते हैं या आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो रियायती इंटरेस्ट पर लोन प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है. आप किसी ऐसे बैंक से लोन लेने की कोशिश कर सकते हैं, जहां आपका लंबे समय से खाता है. आपके सभी फाइनेंशियल डिटेल्स उनके पास हैं. इसलिए, लोन लेते समय यह बहुत मदद करता है. होम लोन लेने की सलाह तब दी जाती है जब आपको लगता है कि आप योजना के अनुसार बिना किसी समस्या के 10-20 सालों तक लगातार EMI का पेमेंट कर पाएंगे. घर खरीदने के लिए इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि रियल एस्टेट की कीमतें समय-समय पर बढ़ रही हैं.