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Tax Evasion: कर चोरी पर शिकंजा कसने की तैयारी, GST कर रही डाटा एनलिसिस

कर चोरी पर शिकंजा कसने के लिए GST की टीम डाटा एनलिसिस (Data Analysis) का सहारा ले रही है. टीम इसकी मदद से Tax Evasion के बारे में पता लगा रही है. विदित हो कि सालाना आधार पर कर चोरी लगभग दोगुनी हो गई है. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Apr 23, 2023, 11:56 AM IST

नई दिल्ली : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) अधिकारी किसी क्षेत्र विशेष की आपूर्ति श्रृंखला में कर चोरी को पकड़ने के लिए डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके जरिये अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी स्तर पर Tax Evasion (आयकर रिटर्न के समय वास्तविक आय न बताना) तो नहीं हुई है.

बीते वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है. ऐसे में जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने अनुपालन को बेहतर करने के लिए शुरुआती स्तर पर ही कर चोरी को पकड़ने के अपने प्रयासों को तेज किया है. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि हम किसी क्षेत्र के लिए ‘एंड-टू-एंड’ विश्लेषण और आपूर्ति श्रृंखला में कर भुगतान का आकलन कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोई ऐसी कड़ी तो नहीं छूट गई है, जिसमें कर का भुगतान नहीं हुआ है.

अधिकारी ने कहा, ‘अब जबकि जीएसटी प्रणाली स्थिर हो गई है, हम इसे और सुव्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं. हम यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या जीएसटी के तहत आने वाले सभी क्षेत्र करों के अपने हिस्से का भुगतान कर रहे हैं.’ विश्लेषण के बाद अगर विभाग को लगता है कि कानून या शुल्क में कुछ बदलावों की आवश्यकता है, तो इसे अप्रुवल के लिए जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा.

पढ़ें : SBI Research : वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों का जीएसटी संग्रह 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान

अधिकारी ने कहा कि डेटा एनलिसिस एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन विनिर्माण के चरण में ही जीएसटी चोरी की जांच करने के लिए यह जरूरी है. यह अनुपालन में सुधार सुनिश्चित करते हुए राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि डीजीजीआई को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कई प्रौद्योगिकी उपकरणों के साथ सशक्त किया गया है.

डेटा विश्लेषण के तहत किसी क्षेत्र में कर भुगतान की पूर्ववर्ती उत्पाद एवं सेवा कर व्यवस्था के भुगतान से तुलना की जाती है. वित्त वर्ष 2022-23 में कर अधिकारियों ने 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है. सालाना आधार पर कर चोरी लगभग दोगुनी हो गई है. डीजीजीआई ने इस दौरान 21,000 करोड़ रुपये की वसूली की है.

(पीटीआई-भाषा)

पढ़ें : GST Collection In February : फरवरी में GST संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर

नई दिल्ली : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) अधिकारी किसी क्षेत्र विशेष की आपूर्ति श्रृंखला में कर चोरी को पकड़ने के लिए डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके जरिये अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी स्तर पर Tax Evasion (आयकर रिटर्न के समय वास्तविक आय न बताना) तो नहीं हुई है.

बीते वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है. ऐसे में जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने अनुपालन को बेहतर करने के लिए शुरुआती स्तर पर ही कर चोरी को पकड़ने के अपने प्रयासों को तेज किया है. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि हम किसी क्षेत्र के लिए ‘एंड-टू-एंड’ विश्लेषण और आपूर्ति श्रृंखला में कर भुगतान का आकलन कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोई ऐसी कड़ी तो नहीं छूट गई है, जिसमें कर का भुगतान नहीं हुआ है.

अधिकारी ने कहा, ‘अब जबकि जीएसटी प्रणाली स्थिर हो गई है, हम इसे और सुव्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं. हम यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या जीएसटी के तहत आने वाले सभी क्षेत्र करों के अपने हिस्से का भुगतान कर रहे हैं.’ विश्लेषण के बाद अगर विभाग को लगता है कि कानून या शुल्क में कुछ बदलावों की आवश्यकता है, तो इसे अप्रुवल के लिए जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा.

पढ़ें : SBI Research : वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों का जीएसटी संग्रह 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान

अधिकारी ने कहा कि डेटा एनलिसिस एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन विनिर्माण के चरण में ही जीएसटी चोरी की जांच करने के लिए यह जरूरी है. यह अनुपालन में सुधार सुनिश्चित करते हुए राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि डीजीजीआई को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कई प्रौद्योगिकी उपकरणों के साथ सशक्त किया गया है.

डेटा विश्लेषण के तहत किसी क्षेत्र में कर भुगतान की पूर्ववर्ती उत्पाद एवं सेवा कर व्यवस्था के भुगतान से तुलना की जाती है. वित्त वर्ष 2022-23 में कर अधिकारियों ने 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है. सालाना आधार पर कर चोरी लगभग दोगुनी हो गई है. डीजीजीआई ने इस दौरान 21,000 करोड़ रुपये की वसूली की है.

(पीटीआई-भाषा)

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