नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद 11 हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित औद्योगिक इकाइयों की पूर्ण केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और शुद्ध एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) भुगतान के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की मांग पर चर्चा कर सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. अभी केंद्र अक्टूबर, 2017 में अधिसूचित की गई अपनी 'बजटीय सहायता योजना' के तहत शुद्ध रूप से सीजीएसटी का 58 प्रतिशत और आईजीएसटी का 29 प्रतिशत वापस करता है.
हिमालयी क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित औद्योगिक इकाइयां उनके द्वारा नकद में किए गए भुगतान में सीजीएसटी के शेष 42 प्रतिशत और आईजीएसटी के 21 की उचित ब्याज के साथ वापसी के लिए एक व्यवस्था के कार्यान्वयन की मांग कर रही हैं. हालांकि, ये राज्य राजस्व वृद्धि संतोषजनक नहीं रहने की वजह से कर बंटवारे में उनको मिले सीजीएसटी और आईजीएसटी के हिस्से की प्रतिपूर्ति के पक्ष में नहीं हैं. जीएसटी से पहले उत्पाद शुल्क के दौर में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा को 'कर अवकाश' या छूट मिली हुई थी.
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सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के अक्टूबर, 2022 के फैसले और दिल्ली, मेघालय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्णयों के मद्देनजर इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में विचार किया जा सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने सितंबर, 2016 में अपनी दूसरी बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि किसी भी कर प्रोत्साहन योजना के तहत अप्रत्यक्ष कर के भुगतान से छूट प्राप्त सभी इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था में कर का भुगतान करना होगा. जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था.
(पीटीआई-भाषा)