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Domestic crude : सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया, डीजल, एटीएफ के निर्यात पर लेवी में कटौती की - अप्रत्याशित कर समाचार

सरकार ने आज से कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) बढ़ाकर ₹10,000 प्रति टन कर दिया. इससे पहले एक सितंबर को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर ₹6,700/टन निर्धारित किया गया था. इसके अलावा, डीजल के निर्यात पर SAED या शुल्क वर्तमान में ₹6/लीटर से घटाकर ₹5.50/लीटर कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Govt hikes windfall tax on domestic crude
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By ANI

Published : Sep 16, 2023, 12:42 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात के लिए कर संरचना में बदलाव की घोषणा की है. यह बदलाव आज से प्रभावी हो गये हैं. सरकार ने कहा गया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजारों में संतुलन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.

भारत के राजपत्र के अनुसार, वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग ने पिछली कर की दरों में संशोधन करते हुए दो अधिसूचनाएं जारी कीं. अधिसूचनाओं के अनुसार, घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर अप्रत्याशित कर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. जबकि विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) और डीजल के निर्यात पर शुल्क कम कर दिया गया है.

बता दें कि अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर लगाया गया कर अप्रत्याशित कर कहलाता है. घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर अप्रत्याशित कर 6,700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. इस कदम का उद्देश्य कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से होने वाले मुनाफे से अधिक मात्रा में अतिरिक्त राजस्व हासिल करना है.

विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर अप्रत्याशित कर को 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस कटौती से भारतीय एटीएफ निर्यात को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की उम्मीद है.

डीजल के निर्यात पर टैक्स 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस समायोजन का उद्देश्य डीजल के निर्यात को बढ़ावा देना, संभावित रूप से अंतरराष्ट्रीय बिक्री से राजस्व बढ़ाना है. ये बदलाव ऐसे समय में किये गये हैं जब भारत वैश्विक तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की जटिलताओं से निपट रहा है. इन बदलावों का लक्ष्य उच्च कच्चे तेल की कीमतों से लाभ प्राप्त करने और अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हुए संतुलन बनाना है.

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वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना संख्या 30/2023-केंद्रीय उत्पाद शुल्क और संख्या 31/2023-केंद्रीय उत्पाद शुल्क 16 सितंबर, 2023 को लागू होगी. सरकार को उम्मीद है कि इन कर समायोजनों से देश के वित्तीय स्वास्थ्य और वैश्विक ईंधन बाजार में इसकी स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ये संशोधन पेट्रोलियम उत्पादों के लिए कराधान संरचना में हाल के बदलावों की एक श्रृंखला का अनुसरण करते हैं. ये उभरते आर्थिक परिदृश्य के अनुकूल होने और ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं.
(एएनआई)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात के लिए कर संरचना में बदलाव की घोषणा की है. यह बदलाव आज से प्रभावी हो गये हैं. सरकार ने कहा गया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजारों में संतुलन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.

भारत के राजपत्र के अनुसार, वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग ने पिछली कर की दरों में संशोधन करते हुए दो अधिसूचनाएं जारी कीं. अधिसूचनाओं के अनुसार, घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर अप्रत्याशित कर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. जबकि विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) और डीजल के निर्यात पर शुल्क कम कर दिया गया है.

बता दें कि अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर लगाया गया कर अप्रत्याशित कर कहलाता है. घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर अप्रत्याशित कर 6,700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. इस कदम का उद्देश्य कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से होने वाले मुनाफे से अधिक मात्रा में अतिरिक्त राजस्व हासिल करना है.

विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर अप्रत्याशित कर को 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस कटौती से भारतीय एटीएफ निर्यात को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की उम्मीद है.

डीजल के निर्यात पर टैक्स 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस समायोजन का उद्देश्य डीजल के निर्यात को बढ़ावा देना, संभावित रूप से अंतरराष्ट्रीय बिक्री से राजस्व बढ़ाना है. ये बदलाव ऐसे समय में किये गये हैं जब भारत वैश्विक तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की जटिलताओं से निपट रहा है. इन बदलावों का लक्ष्य उच्च कच्चे तेल की कीमतों से लाभ प्राप्त करने और अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हुए संतुलन बनाना है.

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वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना संख्या 30/2023-केंद्रीय उत्पाद शुल्क और संख्या 31/2023-केंद्रीय उत्पाद शुल्क 16 सितंबर, 2023 को लागू होगी. सरकार को उम्मीद है कि इन कर समायोजनों से देश के वित्तीय स्वास्थ्य और वैश्विक ईंधन बाजार में इसकी स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ये संशोधन पेट्रोलियम उत्पादों के लिए कराधान संरचना में हाल के बदलावों की एक श्रृंखला का अनुसरण करते हैं. ये उभरते आर्थिक परिदृश्य के अनुकूल होने और ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं.
(एएनआई)

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