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2027 तक और समृद्ध हो जाएगा देश, चार साल में 10 करोड़ भारतीय हो जाएंगे रईस

Goldman Sachs report : भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, अब जल्द ही तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. इस बीच गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट भी सामने आई है जिसने अनुमान जताया है कि 2027 तक भारत में समृद्ध वर्ग का आंकड़ा 10 करोड़ पहुंच जाएगा. जानिए इस वर्ग में कितनी इनकम वाले लोग आते हैं. रिपोर्ट में और क्या बताया गया है.

Goldman Sachs report
भारतीय अर्थव्यवस्था
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Jan 13, 2024, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: भारत में अमीरों (रईस) की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक चार वर्षों में यानी 2027 तक 'संपन्न' भारतीयों की संख्या 10 करोड़ हो सकती है. यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर इस कैटेगरी में कौन लोग आते हैं. तो जान लीजिए कि इसमें वह कामकाजी लोग आते हैं जिनकी सालाना इनकम करीब 10 हजार डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) है. ये आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि दुनिया में केवल 14 देश हैं जिनकी आबादी 10 करोड़ से अधिक है. अभी भारत में केवल छह करोड़ लोग ही इस कैटेगरी में आते हैं.

Goldman Sachs report
भारतीय अर्थव्यवस्था

'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' : गोल्डमैन सैक्स ने 'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' शीर्षक से शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है. गोल्डमैन के विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में भारत में 6 करोड़ लोग यानी आबादी का 4.1 प्रतिशत लोग ही सालाना 10,000 डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) से अधिक कमाते हैं. (यह आंकड़ा 2,100 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय का लगभग पांच गुना, यानी लगभग 1,75,000 रुपये है) जबकि 2015 में यह आंकड़ा 2.4 करोड़ था. उसने अनुमान जताया है कि 2027 तक भारत में 10 करोड़ लोग ऐसे होंगे जिनकी सालाना आमदनी 8.3 लाख रुपये से ज्यादा होगी. 2027 तक इस आयवर्ग (8.3 लाख रुपये) के आंकड़े में 67 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. यानी अभी से तुलना की जाए तो 8.3 लाख रुपये कमाने वालों का आंकड़ा छह करोड़ और बढ़ जाएगा.

Goldman Sachs report
भारतीय अर्थव्यवस्था

ये बताई वजह : गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत का 'समृद्ध' वर्ग का आंकड़ा 2027 तक 10 करोड़ तक पहुंचने वाला है. उसने इसके पीछे उसने लोगों की खर्च करने की क्षमता और भारत की कंपनियों को क्रेडिट दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में प्रीमियम सामान बनाने वाली कंपनियां व्यापक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगी. टैक्स फाइलिंग डेटा, क्रेडिट कार्ड, बैंक डिपॉजिट्स और ब्रॉडबैंड कनेक्शन के डेटा के आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है.

  • Saturday Morning well spent with this insightful report by @GoldmanSachs

    'Affluent' Indians may number 100 million in coming 4 yrs. Affluence is defined here as individuals with income of over $10,000/annum (Rs. 8.3 lakhs/yr)

    Sharing synopsis & stock ideas
    Quick 🧵.... pic.twitter.com/rCqP0sxnJN

    — Advait Arora (@WealthEnrich) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक समृद्धि में तेज़ वृद्धि के पीछे पिछले तीन वर्षों के दौरान इक्विटी, सोना और संपत्ति सहित वित्तीय और भौतिक संपत्तियों में भी उल्लेखनीय वृद्धि है.

  • Goldman Sachs published 46 pages of reports on "The Rise of Affluent India".

    This isn't just a report.
    It's a look into India's golden future.

    Let's dive into the insights and see how India's elite are shaping the future of India's markets, industries, and perhaps, even its…

    — Ram Joshi (@ramjoshionline) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रीमियम प्रोडक्ट की मांग बढ़ी, डीमैट खाते बढ़े : गोल्डमैन के विश्लेषकों का कहना है कि देश में 2023 में डीमैट खातों की संख्या 2.8 गुना बढ़कर 11.4 करोड़ हो गई है. वहीं, 2019 और 2023 के बीच भारतीयों के पास मौजूद सोने का मूल्य 65 फीसदी बढ़ा है. एफएमसीजी, फुटवियर, फैशन, यात्री वाहन और दोपहिया वाहनों सहित सभी उद्योगों में प्रीमियम उत्पादों की मांग में तेज वृद्धि हुई. शीर्ष आय उपभोग पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 के बाद से क्रेडिट कार्ड स्वामित्व में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड खर्च में 250 फीसदी की वृद्धि हुई है (गणना पिछले 12 महीने के औसत पर आधारित है).

  • Went through the Goldman Sachs report 'The rise of Affluent India'. Some company names are also given as potential wealth creators. I believe dozens of companies would create immense wealth. Many countries experience suggest that when percapita moves towards $5000 and crosses it,…

    — D.Muthukrishnan (@dmuthuk) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी : रिपोर्ट में कहा गया कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के चलते भारत के शेयर बाजार का मार्केट कैप पिछले तीन वर्षों में 80 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2020-23 के दौरान सोने की कीमतों में 65 फीसदी का उछाल आया है. इसके चलते भारतीय का शेयरों और सोने में इन्वेस्टमेंट बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार 2015-19 में प्रॉपर्टी की कीमतें जहां 13 फीसदी तक बढ़ी थी उसमें 2019-23 के दौरान 30 फीसदी का उछाल आया है.

इन क्षेत्र में लोग ज्यादा खर्च करेंगे : रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है. लोग का छुट्टी, आभूषण, घर से बाहर का भोजन, स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न श्रेणियों के प्रीमियम ब्रांडों जैसे क्षेत्रों में खर्च करना सीधा प्रभाव डाल रहा है. गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक देश की जनसंख्या जहां 1 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, वहीं ऐसे उपभोक्ताओं की तादाद 2019-23 के दौरान 12 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. एजेंसी ने अनुमान जताया है कि बाहर का भोजन, आभूषण, संस्थागत चिकित्सा सेवाएं और टिकाऊ वस्तुएं जैसे क्षेत्र में लोग खर्च जारी रखेंगे.

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नई दिल्ली: भारत में अमीरों (रईस) की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक चार वर्षों में यानी 2027 तक 'संपन्न' भारतीयों की संख्या 10 करोड़ हो सकती है. यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर इस कैटेगरी में कौन लोग आते हैं. तो जान लीजिए कि इसमें वह कामकाजी लोग आते हैं जिनकी सालाना इनकम करीब 10 हजार डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) है. ये आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि दुनिया में केवल 14 देश हैं जिनकी आबादी 10 करोड़ से अधिक है. अभी भारत में केवल छह करोड़ लोग ही इस कैटेगरी में आते हैं.

Goldman Sachs report
भारतीय अर्थव्यवस्था

'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' : गोल्डमैन सैक्स ने 'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' शीर्षक से शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है. गोल्डमैन के विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में भारत में 6 करोड़ लोग यानी आबादी का 4.1 प्रतिशत लोग ही सालाना 10,000 डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) से अधिक कमाते हैं. (यह आंकड़ा 2,100 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय का लगभग पांच गुना, यानी लगभग 1,75,000 रुपये है) जबकि 2015 में यह आंकड़ा 2.4 करोड़ था. उसने अनुमान जताया है कि 2027 तक भारत में 10 करोड़ लोग ऐसे होंगे जिनकी सालाना आमदनी 8.3 लाख रुपये से ज्यादा होगी. 2027 तक इस आयवर्ग (8.3 लाख रुपये) के आंकड़े में 67 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. यानी अभी से तुलना की जाए तो 8.3 लाख रुपये कमाने वालों का आंकड़ा छह करोड़ और बढ़ जाएगा.

Goldman Sachs report
भारतीय अर्थव्यवस्था

ये बताई वजह : गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत का 'समृद्ध' वर्ग का आंकड़ा 2027 तक 10 करोड़ तक पहुंचने वाला है. उसने इसके पीछे उसने लोगों की खर्च करने की क्षमता और भारत की कंपनियों को क्रेडिट दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में प्रीमियम सामान बनाने वाली कंपनियां व्यापक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगी. टैक्स फाइलिंग डेटा, क्रेडिट कार्ड, बैंक डिपॉजिट्स और ब्रॉडबैंड कनेक्शन के डेटा के आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है.

  • Saturday Morning well spent with this insightful report by @GoldmanSachs

    'Affluent' Indians may number 100 million in coming 4 yrs. Affluence is defined here as individuals with income of over $10,000/annum (Rs. 8.3 lakhs/yr)

    Sharing synopsis & stock ideas
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    — Advait Arora (@WealthEnrich) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक समृद्धि में तेज़ वृद्धि के पीछे पिछले तीन वर्षों के दौरान इक्विटी, सोना और संपत्ति सहित वित्तीय और भौतिक संपत्तियों में भी उल्लेखनीय वृद्धि है.

  • Goldman Sachs published 46 pages of reports on "The Rise of Affluent India".

    This isn't just a report.
    It's a look into India's golden future.

    Let's dive into the insights and see how India's elite are shaping the future of India's markets, industries, and perhaps, even its…

    — Ram Joshi (@ramjoshionline) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रीमियम प्रोडक्ट की मांग बढ़ी, डीमैट खाते बढ़े : गोल्डमैन के विश्लेषकों का कहना है कि देश में 2023 में डीमैट खातों की संख्या 2.8 गुना बढ़कर 11.4 करोड़ हो गई है. वहीं, 2019 और 2023 के बीच भारतीयों के पास मौजूद सोने का मूल्य 65 फीसदी बढ़ा है. एफएमसीजी, फुटवियर, फैशन, यात्री वाहन और दोपहिया वाहनों सहित सभी उद्योगों में प्रीमियम उत्पादों की मांग में तेज वृद्धि हुई. शीर्ष आय उपभोग पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 के बाद से क्रेडिट कार्ड स्वामित्व में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड खर्च में 250 फीसदी की वृद्धि हुई है (गणना पिछले 12 महीने के औसत पर आधारित है).

  • Went through the Goldman Sachs report 'The rise of Affluent India'. Some company names are also given as potential wealth creators. I believe dozens of companies would create immense wealth. Many countries experience suggest that when percapita moves towards $5000 and crosses it,…

    — D.Muthukrishnan (@dmuthuk) January 13, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी : रिपोर्ट में कहा गया कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के चलते भारत के शेयर बाजार का मार्केट कैप पिछले तीन वर्षों में 80 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2020-23 के दौरान सोने की कीमतों में 65 फीसदी का उछाल आया है. इसके चलते भारतीय का शेयरों और सोने में इन्वेस्टमेंट बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार 2015-19 में प्रॉपर्टी की कीमतें जहां 13 फीसदी तक बढ़ी थी उसमें 2019-23 के दौरान 30 फीसदी का उछाल आया है.

इन क्षेत्र में लोग ज्यादा खर्च करेंगे : रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है. लोग का छुट्टी, आभूषण, घर से बाहर का भोजन, स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न श्रेणियों के प्रीमियम ब्रांडों जैसे क्षेत्रों में खर्च करना सीधा प्रभाव डाल रहा है. गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक देश की जनसंख्या जहां 1 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, वहीं ऐसे उपभोक्ताओं की तादाद 2019-23 के दौरान 12 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. एजेंसी ने अनुमान जताया है कि बाहर का भोजन, आभूषण, संस्थागत चिकित्सा सेवाएं और टिकाऊ वस्तुएं जैसे क्षेत्र में लोग खर्च जारी रखेंगे.

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Last Updated : Jan 13, 2024, 7:34 PM IST
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