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FPIs ने नवंबर के तीन कारोबारी सत्रों में शेयरों से 3,400 करोड़ रुपये निकाले

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By PTI

Published : Nov 5, 2023, 1:15 PM IST

Updated : Nov 5, 2023, 1:20 PM IST

पश्चिम-एशिया में तनाव तथा बढ़ती ब्याज दरों के बीच (FPIs) ने नवंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. पढ़ें खबर... (foreign portfolio investors, FPI inflows, FPI outflows, FPI November data, FPI data, Foreign Portfolio Investors, FPI investment, selling continues in November also)

foreign portfolio investors
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक

नई दिल्ली :भारतीय शेयर बाजारों में (foreign portfolio investors) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी है. पश्चिम-एशिया में तनाव तथा बढ़ती ब्याज दरों के बीच (FPIs) ने नवंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. इससे पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों से 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे. (FPIs) मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे.

FPI investment
बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी

बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी थमी
हालांकि, आगे चलकर एफपीआई का बिकवाली का सिलसिला थम सकता है, क्योंकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नरम रुख की वजह से बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी थमी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की नरम टिप्पणी के बाद बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी का रुख पलट गया है. बाजार ने उनकी इस टिप्पणी की व्याख्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर रोक के रूप में की है.

FPI investment
बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी

इजराइल-हमास संघर्ष का पड़ा असर
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, foreign portfolio investors ने एक से तीन नवंबर के दौरान 3,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. सितंबर की शुरुआत से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की वजह से एफपीआई बिकवाल रहे हैं.

FPIs निवेश के सुरक्षित अमेरिकी डॉलर और गोल्ड

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में एफपीआई निवेश के अधिक सुरक्षित विकल्प सोने और अमेरिकी डॉलर की ओर रुख कर सकते हैं. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,984 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 6,381 करोड़ रुपये डाले थे. इस तरह चालू साल में शेयरों में एफपीआई (FPIs) का निवेश अबतक 92,560 करोड़ रुपये रहा है. वहीं बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 34,485 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

ये भी पढ़ें-

सेंसेक्स की टॉप 10 में से नौ कंपनियों के Mcap में गजब का उछाल, बजाज फाइनेंस सबसे फिसड्डी, नंबर 1 पर रिलायंस इंडस्ट्रीज

विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा- रिपोर्ट

नई दिल्ली :भारतीय शेयर बाजारों में (foreign portfolio investors) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी है. पश्चिम-एशिया में तनाव तथा बढ़ती ब्याज दरों के बीच (FPIs) ने नवंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. इससे पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों से 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे. (FPIs) मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे.

FPI investment
बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी

बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी थमी
हालांकि, आगे चलकर एफपीआई का बिकवाली का सिलसिला थम सकता है, क्योंकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नरम रुख की वजह से बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी थमी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की नरम टिप्पणी के बाद बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी का रुख पलट गया है. बाजार ने उनकी इस टिप्पणी की व्याख्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर रोक के रूप में की है.

FPI investment
बिकवाली का सिलसिला नवंबर में भी जारी

इजराइल-हमास संघर्ष का पड़ा असर
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, foreign portfolio investors ने एक से तीन नवंबर के दौरान 3,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. सितंबर की शुरुआत से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की वजह से एफपीआई बिकवाल रहे हैं.

FPIs निवेश के सुरक्षित अमेरिकी डॉलर और गोल्ड

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में एफपीआई निवेश के अधिक सुरक्षित विकल्प सोने और अमेरिकी डॉलर की ओर रुख कर सकते हैं. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,984 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 6,381 करोड़ रुपये डाले थे. इस तरह चालू साल में शेयरों में एफपीआई (FPIs) का निवेश अबतक 92,560 करोड़ रुपये रहा है. वहीं बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 34,485 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

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विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा- रिपोर्ट

Last Updated : Nov 5, 2023, 1:20 PM IST
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