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Tesla in India: भारत में टेस्ला की जल्द होगी एंट्री, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मस्क का भरोसा - इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला

दुनिया के सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने पीएम मोदी से मुलाकात की (Elon Musk Meets Pm Modi). जिसमें उन्होंने भारत में निवेश (Tesla Investment In India) करने और अगले साल भारत दौरे की बात कही. पढ़ें पूरी खबर...

Elon Musk meets Pm Modi
एलन मस्क पीएम मोदी से मिले
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Published : Jun 21, 2023, 11:31 AM IST

न्यूयॉर्क: एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में जल्द एंट्री हो सकती है. मंगलवार को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने न्यूयॉक में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में ही उन्होंने मोदी से कहा कि वह भारत में निवेश करना चाहते हैं. जितनी जल्दी हो सके वह भारत में इंवेस्मेंट करने के लिए तैयार हैं और अगले साल भारत दौरे पर आने का प्लान है. बता दें कि पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिकी दौरे पर हैं.

मस्क जल्द करेंगे भारत में निवेश
मस्क ने कहा कि मोदी का विजन काफी सकारात्मक है. बात करें कि देश में नई कंपनियों को लेकर तो उनको लेकर भी वे अच्छी सोच रखते हैं. वे भारत में निवेश के लिए हर समय तैयार रहते हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी कंपनी (टेस्ला और स्टारलिंक) जल्द ही भारत में निवेश करने में सक्षम होगी. उन्होंने आगे कहा कि सौर ऊर्जा, बैटरी, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत सस्टेनेबल एनर्जी के मामले में भारत के पास ठोस संभावनाएं हैं. मस्क ने स्टारलिंक (Starlink) की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को भी भारत में जल्द शुरू करने की उम्मीद जाहिर की. मस्क अगले साल भारत का दौरा करने का प्लान बना रहे हैं.

टेस्ला का भारत में एक्सपीरिएंस
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर काफी लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस मामले में अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. दरअसल टेस्ला कंपनी अपने कारों को लेकर पहले भारतीय बाजार को परखना चाहती है. इसके बाद वह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के बारे में विचार करेगी. इसके लिए वह अपने आयातित कारों को भारत में बेचने के लिए सरकार से शुल्कों में छूट की मांग कर रही थी. लेकिन सरकार का रुख है कि अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में उतरना है तो यहीं मैन्यूफैक्चरिंग पर ध्यान देना होगा. वह ऐसा नहीं होने देगी कार किसी और देश में बने और भारत में बेची जाए.

स्टारलिंक का भारत में एक्सपीरिएंस
टेस्ला की तरह मस्क की दूसरी कंपनी स्टारलिंक का भी भारत में अनुभव ठीक नहीं रहा है. स्टारलिंक पिछले साल भारत में निवेश करने आई थी, लेकिन विवादों में घिर गई. क्योंकि कंपनी ने सरकार से बिना परमिशन लिए एडवांस बुकिंग शुरू कर दी थी. बाद में सरकार के फटकार लगाने पर कंपनी को बुकिंग के पैसे वापस लौटाने पड़े थे. आपको बता दें कि Starlink कंपनी सैटेलाइट से इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराती है.

कंपनियों के इंवेस्टमेंट का फायदा
चीन का विकल्प देख रही कंपनियां भारत में निवेश करने की तरफ रुख कर रही है. इसी कड़ी में कई वैश्विक दिग्गज कंपनियां जैसे गूगल एप्पल, फॉक्सकॉन, विट्रॉन जैसी ताईवानी कंपनियां भारत में विनिर्माण कर रही हैं और लगातार क्षमता बढ़ा रही हैं. कंपनियों के निवेश का फायदा ये होता है कि उनके प्रोडक्ट पर 'मेड इन इंडिया' लिखा होता है. साथ ही देश में मैन्यूफैक्चरिंग होने से यहां के लोगों को कंपनियों में काम मिलता है यानी रोजगार को बढ़ावा मिलता है.

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न्यूयॉर्क: एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में जल्द एंट्री हो सकती है. मंगलवार को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने न्यूयॉक में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में ही उन्होंने मोदी से कहा कि वह भारत में निवेश करना चाहते हैं. जितनी जल्दी हो सके वह भारत में इंवेस्मेंट करने के लिए तैयार हैं और अगले साल भारत दौरे पर आने का प्लान है. बता दें कि पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिकी दौरे पर हैं.

मस्क जल्द करेंगे भारत में निवेश
मस्क ने कहा कि मोदी का विजन काफी सकारात्मक है. बात करें कि देश में नई कंपनियों को लेकर तो उनको लेकर भी वे अच्छी सोच रखते हैं. वे भारत में निवेश के लिए हर समय तैयार रहते हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी कंपनी (टेस्ला और स्टारलिंक) जल्द ही भारत में निवेश करने में सक्षम होगी. उन्होंने आगे कहा कि सौर ऊर्जा, बैटरी, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत सस्टेनेबल एनर्जी के मामले में भारत के पास ठोस संभावनाएं हैं. मस्क ने स्टारलिंक (Starlink) की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को भी भारत में जल्द शुरू करने की उम्मीद जाहिर की. मस्क अगले साल भारत का दौरा करने का प्लान बना रहे हैं.

टेस्ला का भारत में एक्सपीरिएंस
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर काफी लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस मामले में अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. दरअसल टेस्ला कंपनी अपने कारों को लेकर पहले भारतीय बाजार को परखना चाहती है. इसके बाद वह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के बारे में विचार करेगी. इसके लिए वह अपने आयातित कारों को भारत में बेचने के लिए सरकार से शुल्कों में छूट की मांग कर रही थी. लेकिन सरकार का रुख है कि अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में उतरना है तो यहीं मैन्यूफैक्चरिंग पर ध्यान देना होगा. वह ऐसा नहीं होने देगी कार किसी और देश में बने और भारत में बेची जाए.

स्टारलिंक का भारत में एक्सपीरिएंस
टेस्ला की तरह मस्क की दूसरी कंपनी स्टारलिंक का भी भारत में अनुभव ठीक नहीं रहा है. स्टारलिंक पिछले साल भारत में निवेश करने आई थी, लेकिन विवादों में घिर गई. क्योंकि कंपनी ने सरकार से बिना परमिशन लिए एडवांस बुकिंग शुरू कर दी थी. बाद में सरकार के फटकार लगाने पर कंपनी को बुकिंग के पैसे वापस लौटाने पड़े थे. आपको बता दें कि Starlink कंपनी सैटेलाइट से इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराती है.

कंपनियों के इंवेस्टमेंट का फायदा
चीन का विकल्प देख रही कंपनियां भारत में निवेश करने की तरफ रुख कर रही है. इसी कड़ी में कई वैश्विक दिग्गज कंपनियां जैसे गूगल एप्पल, फॉक्सकॉन, विट्रॉन जैसी ताईवानी कंपनियां भारत में विनिर्माण कर रही हैं और लगातार क्षमता बढ़ा रही हैं. कंपनियों के निवेश का फायदा ये होता है कि उनके प्रोडक्ट पर 'मेड इन इंडिया' लिखा होता है. साथ ही देश में मैन्यूफैक्चरिंग होने से यहां के लोगों को कंपनियों में काम मिलता है यानी रोजगार को बढ़ावा मिलता है.

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