नई दिल्ली : सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र से बिजली के लिए वाणिज्यिक के बजाय औद्योगिक बिजली दरें वसूल की जानी चाहिए. दूरसंचार परिचालकों के संगठन सीओएआई ने कहा कि जल्द ही दूरसंचार बुनियादी ढांचा सुविधाओं को बिजली कनेक्शन देने के काम में तेजी लाई जानी चाहिए.
सीओएआई ने कहा कि तेजी से 5जी नेटवर्क को लगाने से विभिन्न क्षेत्रों को जो लाभ मिलेगा उसे देखते हुए ऐसा करना जरूरी है. सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा, 'दूरसंचार एक बुनियादी ढांचा उद्योग है, लेकिन हमसे अब भी बिजली के लिए वाणिज्यिक दरों पर शुल्क लिया जा रहा है. इसलिए हमें इसका लाभ नहीं मिलता है.'
सीओएआई ने दूरसंचार ढांचे के लिए वाणिज्यिक के बजाय औद्योगिक दरों की वकालत की है. सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं. सीओएआई ने कहा कि सेवाओं की अनिवार्य प्रकृति तथा इसके सामाजिक-आर्थिक लाभ को देखते हुए ऐसा कदम उठाना जरूरी है.
कोचर ने इस बात पर क्षोभ जताया कि भारत में एक ओर जहां दूरसंचार शुल्क दरें सबसे कम हैं वहीं उद्योग से वाणिज्यिक श्रेणी में बिजली शुल्क वसूला जाता है. सीओएआई ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में औद्योगिक बिजली शुल्क श्रेणी और वाणिज्यिक बिजली शुल्क के बीच काफी अंतर है. इससे दूरसंचार क्षेत्र पर काफी बोझ पड़ता है.
कोचर ने तर्क दिया, 'दूरसंचार सेवाओं के लिए औद्योगिक बिजली शुल्क लागू करने से कंपनियों को महत्वपूर्ण लागत लाभ मिलेगा, जिससे दूरसंचार क्षेत्र को बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए अधिक पूंजी उपलब्ध होगी.'
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(पीटीआई-भाषा)