नई दिल्ली : देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. जिसके चलते बड़ी- बड़ी पेट्रोल- डीजल निर्माता कंपनियां भी ईवी वाहनों के निर्माण पर फोकस कर रही है. ईवी के फायदो को देखते हुए ज्यादातर लोग इसे खरीद रहे है. एक रिपोर्ट के अनुसार दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पिछले वित्त वर्ष (2022-23) में ढाई गुना बढ़कर 8,46,976 इकाई पर पहुंच गई है.
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल (एसएमईवी) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2022-23 के बिक्री आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस अवधि में बिक्री एक साल पहले की तुलना में ढाई गुना हो गई. वर्ष 2021-22 में देशभर में 3,27,900 इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके थे.
एसएमईवी ने विनिर्माताओं से मिले आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में अधिकतम 25 किलोमीटर की रफ्तार वाले 1.2 लाख ई-स्कूटरों की बिक्री हुई. वहीं, 25 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से चलने वाली 7,26,976 वाहन बिकीं. इस तीव्र बिक्री वृद्धि के बावजूद 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की स्वीकार्यता की दर नीति आयोग के लक्ष्य से 25 फीसदी से अधिक पीछे रही है.
उद्योग संगठन ने कहा कि फेम-2 योजना के तहत सब्सिडी जारी नहीं किए जाने से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा है. एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, ‘बीते वित्त वर्ष में सिर्फ 5 प्रतिशत अनुकूलन होने से 30 प्रतिशत का अल्पावधि लक्ष्य हासिल कर पाना एक सपना ही लग रहा है. हालांकि, फेम-2 के चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम की पात्रता शर्तों को दो साल तक बढ़ाकर और अप्रैल, 2023 से इसे सख्ती से लागू कर चीजों को पटरी पर लाया जा सकता है.’
(पीटीआई- भाषा)
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