नई दिल्ली: एडटेक दिग्गज बायजू की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब एक महत्वपूर्ण विकास में पीक XV पार्टनर्स (पूर्व में सिकोइया कैपिटल इंडिया) के प्रबंध निदेशक और शुरुआती समर्थक जीवी रविशंकर ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. इस घटनाक्रम की जानकारी कंपनी सूत्रों द्वारा सामने आई है.
जानकारी के अनुसार रविशंकर के साथ प्रोसस (पहले नैस्पर्स) के बोर्ड सदस्य रसेल ड्रेसेनस्टॉक और चैन जुकरबर्ग के विवियन वू भी कंपनी को अलविदा कर रहे हैं, जो एक समय सबसे मूल्यवान निजी स्वामित्व वाले भारतीय स्टार्टअप के लिए अब गिरावट का संकेत है. हालांकि इन तीन उच्चाधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने अभी तक इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किये हैं.
आपको बता दें कि तीन उच्चाधिकारियों के ये इस्तीफे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब बेंगलुरु स्थित एडटेक दिग्गज बायजू अपने बुरे समय से गुजर रही है. कंपनी इन दिनों अदालती मामलों, ऋण चूक और 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए अपने वित्तीय परिणामों को दाखिल करने में बहुत देरी के चलते समस्याओं से घिरी हुई है. मामले की जानकारी रखने वाले कंपनी के सूत्रों की मानें तो तीनों निवेशकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है. कंपनी और शेयरधारकों के बीच चर्चा चल रही है.
गौरतलब है कि पिछले साल प्रोसस ने कहा था कि उसने बायजू पर महत्वपूर्ण प्रभाव खो दिया है, क्योंकि कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 10% से कम हो गई है. नवंबर 2022 तक, एडटेक फर्म में इसकी लगभग 9.67% हिस्सेदारी थी, जो वर्तमान में अपने 1.2 बिलियन डॉलर टर्म लोन बी के लिए नई शर्तों को अंतिम रूप देने सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है.
बायजू अपने ऋणदाताओं से कर रहा बातचीत
बायजूज़ वर्तमान में अपने 1.2 बिलियन डॉलर टर्म लोन बी के लिए अपने ऋणदाताओं के साथ बातचीत कर रहा है, भले ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. कंपनी ऋण के लिए नई शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए लेनदारों के साथ एक-पर-एक बातचीत जारी रखती है. जबकि ग्लास ट्रस्ट कंपनी जैसे ऋणदाता अमेरिका के डेलावेयर में एडटेक फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं. बायजू ने हेज फंड रेडवुड और न्यूयॉर्क में उसकी संस्थाओं के खिलाफ त्वरित पुनर्भुगतान की मांग के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.
संस्थापक और सीईओ बायजू रवीन्द्रन के नेतृत्व में, बायजू पिछले साल से फंडिंग में मंदी और महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा क्षेत्र में विकास रुकने के कारण लागत में कटौती करने के लिए हजारों नौकरियों की कटौती कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि इस हफ्ते की शुरुआत में, जनरल अटलांटिक समर्थित कंपनी ने नौकरी में कटौती का एक नया दौर शुरू किया था, जिसका असर 1,000 नौकरियों पर पड़ेगा.