नई दिल्ली: बायजू के उपर मुसीबतों ता पहाड़ टूट पड़ा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9,000 करोड़ रुपये के फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के उल्लंघन का आरोप लगाया है. इसके साथ ही ईडी ने बायजू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बायजू के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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बायजू ने किया इसका खंडन
बायजू ने अपनी ओर से मंगलवार को कोई नोटिस मिलने से इनकार कर दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि बायजूस ने स्पष्ट रूप से उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि उसे प्रवर्तन विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है. कंपनी को प्रवर्तन विभाग से ऐसा कोई संचार नहीं मिला है. इस साल अप्रैल में, ईडी ने फेमा के प्रावधानों के तहत रवींद्रन और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मामले के संबंध में कर्नाटक के बेंगलुरु में तीन परिसरों में तलाशी और जब्ती की थी. ईडी अधिकारियों ने कहा था कि तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किए गए.
ईडी ने क्या कहा?
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी ने 2011 से 2023 तक लगभग 28,000 करोड़ रुपये का डायरेक्ट विदेशी निवेश प्राप्त किया है. इसी अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विभिन्न विदेशी न्यायक्षेत्रों में लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे हैं. उस समय, ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी ने विज्ञापन और विपणन खर्चों के नाम पर लगभग 944 करोड़ रुपये की बुकिंग की थी. इसमें विदेशी क्षेत्राधिकार को भेजी गई राशि भी शामिल थी. बाद में, कंपनी के प्रवक्ता ने दावों को खारिज कर दिया और कहा कि ईडी का दौरा फेमा के तहत एक नियमित जांच से संबंधित था, और कंपनी द्वारा फेमा के तहत कोई उल्लंघन नहीं किया गया है.