मुंबई: विमानन क्षेत्र का नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन गो फर्स्ट में नई जान डालने के लिए पेश योजना से संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण करने के साथ उड़ानों का संचालन दोबारा शुरू करने की उसकी तैयारियों को भी परखेगा. इस मामले की जानकारी सूत्रों ने गुरुवार को दी है. गो फर्स्ट की उड़ानों का परिचालन वित्तीय समस्याएं गहराने के बाद तीन मई से ही बंद चल रहा है.
इस दौरान एयरलाइन ने स्वैच्छिक रूप से दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी, जिस पर उसे राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी भी मिल चुकी है. सूत्रों ने बताया कि गो फर्स्ट के मौजूदा प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने एयरलाइन की पुनरुद्धार योजना के विभिन्न पहलुओं पर बुधवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों के साथ चर्चा की.
घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया के समाधान पेशेवर के तौर पर नियुक्त शैलेंद्र अजमेरा और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने पुनरुद्धार योजना के बारे में डीजीसीए अधिकारियों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी. इस दौरान पेश किए गए दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद डीजीसीए दोबारा उड़ानों के संचालन की उसकी तैयारियों का भी आकलन करेगा.
सूत्रों के मुताबिक, डीजीसीए का यह आकलन अगले सप्ताह होने की उम्मीद है. एक सूत्र ने कहा कि पुनरुद्धार योजना में गो फर्स्ट की घरेलू उड़ानों के गंतव्य को 29 से घटाकर 23 करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसका मतलब है कि दोबारा उड़ानें शुरू होने पर गो फर्स्ट जयपुर, लखनऊ, कन्नूर, पटना, वाराणसी और रांची के लिए उड़ानें नहीं संचालित करेगी.
(पीटीआई-भाषा)