नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी बोतलबंद पानी कंपनी Bisleri अपने नए उत्तराधिकारी को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है. इस मामले में रोज नए अपडेट आ रहे हैं. हालिया अपडेट के अनुसार जयंती चौहान ने बिसलेरी की कमान संभालने से इनकार कर दिया है, इसके बाद रमेश चौहान ने कंपनी के सीईओ एंजेलो जॉर्ज (Angelo George) को कंपनी की कमान सौंप दी है.
उत्तराधिकारी को लेकर ट्विस्ट पर ट्विस्ट
बिसलेरी कंपनी को रमेश चौहान के बाद कौन संभालेगा, इस पर एक के बाद एक ट्विस्ट आ रहे हैं. पहले खबर थी कि बिसलेरी के मालिक अपने उत्तराधिकारी के अभाव में कंपनी को बेचना चाहते हैं. इसके बाद खबर आई कि टाटा और बिसलेरी के बीच कंपनी के अधिग्रहण को लेकर चर्चा चल रही है. टाटा समूह (Tata Group) बिसलेरी को 7,000 करोड़ में खरीदने जा रही है. इसके बाद एक फिर एक ट्विस्ट के साथ खबर आई कि दोनों के बीच (Tata- Bisleri) डील कैंसिल हो गई. क्योंकि Jayanti Chauhan बिसलेरी की कमान संभालने के लिए तैयार हो गईं. इसी के साथ बिसलेरी के बिकने की खबर पर भी विराम लग गया. लेकिन ये मामला यहीं पर समाप्त नहीं होता. इसमें एक और जोरदार ट्विस्ट आता है.
बाप- बेटी के बीच अनबन
मीडिया रिपोर्ट की खबर के अनुसार Bisleri की कमान संभालने से जयंती ने फिर से इनकार कर दिया है. बाप-बेटी के बीच बात नहीं बन पाई. जिस कारण रमेश चौहान ने बिसलेरी की कमान अब जयंती चौहान के बजाए सीईओ एंजेलो जॉर्ज (Angelo George) को सौंप दी है. खबर के मुताबिक Ramesh Chauhan और जयंती के बीच मतभेद की बातें सामने आ रही है. इस मतभेद के कारण ही रमेश चौहान ने अचानक से कंपनी की जिम्मेदारी सीईओ एंजेलो जॉर्ज को सौंप दी. गौरतलब है कि ये कोई प्री प्लांड फैसला नहीं था.
कंपनी बेचने की ये थी वजह
बोतलबंद कंपनी बिसलेरी को रमेश चौहान ने 28 साल की उम्र में 4 लाख की लागत से शुरू किया था. आज इसकी मार्केट वैल्यू 7,000 करोड़ रुपये तक हो गई है. वहीं, रमेश चौहान 82 साल के हो गए हैं. बढ़ती उम्र व खराब स्वास्थ्य के कारण वह बिसलेरी की कमान अपनी बेटी जयंती चौहान को सौपना चाहते थे. लेकिन उनकी बेटी की इसमें कोई दिलचस्पी न होने के कारण उन्होंने इसे बेचने का निर्णय लिया था. हालांकि बाद में ऐसी खबरें आई कि जयंती बिसलेरी की कमान संभालना चाहती हैं.
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