नई दिल्ली: डेबिट और क्रेडिट कार्ड आज के समय में लेनदेन के लिए एक प्रमुख माध्यम बन चुके हैं. दुनिया डिजिटलीकरण की ओर तेजी से बढ़ रही है. इसी को देखते हुए बैंकिंग क्षेत्रों में भी कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें से एक है डेबिट-क्रेडिट कार्ड. इसके रहते हुए आपको बैंकों के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं पड़ती. हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के नियमों को लेकर बदलाव किया है. इसको लेकर बैंक ने संबंधित ड्राफ्ट सर्कुलर भी जारी किया था.
सर्कुलर में RBI ने बैंकों से कहा कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड का उपयोग सभी नेटवर्क के लिए किया जाना चाहिए. अब 1 अक्टूबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड लेते समय ग्राहकों को अपने कार्ड का नेटवर्क प्रोवाइडर सेलेक्ट करने की छूट मिलेगी. ऐसे में अब ग्राहकों को डेबिट और क्रेडिट कार्ड लेते वक्त स्वतंत्रता मिलेगी. देश में मास्टर, वीजा और अन्य कार्ड नेटवर्क के रूप में एंट्री नहीं है. इस नियम के बदलाव से पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिल सकता है.
ये भी पढ़ें- RBI LRS Scheme: विदेश में खर्च पर डेबिट, क्रेडिट कार्ड में समानता लाने को बदले गए फेमा नियम |
आरबीआई के मुताबिक कार्ड नेटवर्क और कार्ड इश्यू करने वाली कंपनी कन्जूमर के फायदे को पूरी तरह से नहीं देती है. वहीं, कार्ड नेटवर्क का काम मर्चेन्ट और कार्ड जारी करने वाली कंपनी के बीच लेनदेन को आसान बनाना होता है.
क्या है डेबिट-क्रेडिट कार्ड
डेबिट कार्ड के साथ आप अपने अकाउंट में मौजूदा राशि को ही खर्च कर सकते है. इससे आप नगदी पैसे निकाल सकते है. वहीं, क्रेडिट कार्ड से आप अपने जरुरत के समय एक्स्ट्रा पैसे ले सकते है, जिसको आप लिमिटेड टाइम के अंदर वापस कर सकते है. क्रेडिट कार्ड समय-समय पर अलग-अलग ऑफर ले कर आता है, जिसका फायदा उठा सकते है. क्रेडिट कार्ड से आप बैंक में अधिक पैसे ने होने के बावजूद खर्च कर सकते है.