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BharatRohan ties up with ICRISAT : इस समझौते से किसानों को मिलेगी मदद, अब ड्रोन से होगी फसल निगरानी

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By PTI

Published : Oct 17, 2023, 2:23 PM IST

एग्री-टेक स्टार्टअप भारतरोहन (Agri tech startup BharatRohan) ने आईसीआरआईएसएटी के एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर (ABI) के साथ साझेदारी कर ली है. इस साझेदारी से किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा. पढ़ें पूरी खबर...(BharatRohan, Agri tech, drone crop monitoring, ABI)

BharatRohan ties up with ICRISAT
ड्रोन फसल निगरानी

नई दिल्ली: एग्री-टेक स्टार्टअप भारतरोहन (Agri tech startup BharatRohan) ने मंगलवार को ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने के लिए आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) के एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर (Agri-Business Incubator) के साथ रणनीतिक सहयोग (strategic cooperation) की घोषणा की है. हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) ने केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से 2003 में एबीआई बनाया, जबकि भारतरोहन किसानों के लिए ड्रोन-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली (Drone-Based Decision Support System) में माहिर है.

BharatRohan ties up with ICRISAT
ड्रोन से होगी फसल निगरानी

ICRISAT के साथ इस साझेदारी में, भारतरोहन को किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ जुड़ने, किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा.

खेती को अधिक स्मार्ट बनाने पर ध्यान दे रहे
भारतरोहण के सीटीओ (CTO) ऋषभ चौधरी ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से हमें हमारी हाइपर-स्पेक्ट्रल तकनीक को आगे बढ़ाने, फसल निगरानी की सटीकता और सुविधा को बढ़ाने के लिए विशेष जानकारी और संसाधनों से लैस करती है. हम सिर्फ लेटेस्ट पर ध्यान नहीं दें रहे हैं, बल्कि हम एक ऐसे भविष्य का नेतृत्व कर रहे हैं जहां खेती अधिक स्मार्ट, अधिक कुशल और अधिक टिकाऊ होगी.

चौधरी ने आगे कहा कि इस साझेदारी से किसानों और संपूर्ण कृषि उद्योग के लाभ के लिए हाइपर-स्पेक्ट्रल और मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजिंग प्रौद्योगिकियों (Hyper-spectral and multi-spectral imaging technologies) के उपयोग में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखते हैं. हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजिंग (Hyper-spectral), फसल फेनोटाइपिक डेटा इकट्ठा करने में एक बेस है, जो शुरू के बीमारी का पता लगाने और फसल स्वास्थ्य की पहचान करने में सक्षम बनाती है. जब ड्रोन प्रौद्योगिकी (drone technology) के साथ इंटीग्रेटेड किया जाता है, तो यह वीड और बीमारी की निगरानी के लिए आवश्यक हो जाता है, जो प्रारंभिक बीमारी का पता लगाने से लेकर गंभीरता को निर्धारित करने तक के अनुप्रयोगों की पेशकश करता है.

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नई दिल्ली: एग्री-टेक स्टार्टअप भारतरोहन (Agri tech startup BharatRohan) ने मंगलवार को ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने के लिए आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) के एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर (Agri-Business Incubator) के साथ रणनीतिक सहयोग (strategic cooperation) की घोषणा की है. हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) ने केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से 2003 में एबीआई बनाया, जबकि भारतरोहन किसानों के लिए ड्रोन-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली (Drone-Based Decision Support System) में माहिर है.

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ड्रोन से होगी फसल निगरानी

ICRISAT के साथ इस साझेदारी में, भारतरोहन को किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ जुड़ने, किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा.

खेती को अधिक स्मार्ट बनाने पर ध्यान दे रहे
भारतरोहण के सीटीओ (CTO) ऋषभ चौधरी ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से हमें हमारी हाइपर-स्पेक्ट्रल तकनीक को आगे बढ़ाने, फसल निगरानी की सटीकता और सुविधा को बढ़ाने के लिए विशेष जानकारी और संसाधनों से लैस करती है. हम सिर्फ लेटेस्ट पर ध्यान नहीं दें रहे हैं, बल्कि हम एक ऐसे भविष्य का नेतृत्व कर रहे हैं जहां खेती अधिक स्मार्ट, अधिक कुशल और अधिक टिकाऊ होगी.

चौधरी ने आगे कहा कि इस साझेदारी से किसानों और संपूर्ण कृषि उद्योग के लाभ के लिए हाइपर-स्पेक्ट्रल और मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजिंग प्रौद्योगिकियों (Hyper-spectral and multi-spectral imaging technologies) के उपयोग में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखते हैं. हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजिंग (Hyper-spectral), फसल फेनोटाइपिक डेटा इकट्ठा करने में एक बेस है, जो शुरू के बीमारी का पता लगाने और फसल स्वास्थ्य की पहचान करने में सक्षम बनाती है. जब ड्रोन प्रौद्योगिकी (drone technology) के साथ इंटीग्रेटेड किया जाता है, तो यह वीड और बीमारी की निगरानी के लिए आवश्यक हो जाता है, जो प्रारंभिक बीमारी का पता लगाने से लेकर गंभीरता को निर्धारित करने तक के अनुप्रयोगों की पेशकश करता है.

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