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Deutsche Bank Crisis : बैंकिंग संकट से जर्मनी भी नहीं रहा अछूता! डॉयचे बैंक के शेयर इतने टूटे - जर्मनी तक पहुंचा बैंकिंग संकट

अमेरिका से शुरू हुए बैंकिंग संकट धीरे-धीरे अन्य बड़े बैंकों को अपनी गिरफ्त में ले रही है. बैंकों में निवेश करने वाले निवेशकों में अविश्वास का माहौल है, जिसकी वजह से शुक्रवार को Deutsche Bank के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई.

Bank Crisis
जर्मनी तक पहुंचा बैंकिंग संकट
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Published : Mar 25, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 12:48 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका से सिलिकॉन वैली बैंक से शुरु हुआ बैंकिंग संकट यूरोप तक जा पहुंचा. इसके बाद अब जर्मनी के बैंकों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जर्मनी के सबसे बड़े बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नजर नहीं आ रही है. दरअसल शुक्रवार को Deutsche Bank के स्टॉक प्राइस में 8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों के बीच Banking System को लेकर अनिश्चितता का माहौल है. जिस कारण से शुक्रवार को Deutsche Bank के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई. विदित हो कि पहले इसके शेयर 15 फीसदी से गिरे फिर कुछ सुधार हुआ. लेकिन अंत में 8 फीसदी की गिरावट के साथ 8.54 यूरो पर इसके शेयर बंद हुए थे.

बैंकों के शेयर क्यों गिर रहे : बैंक के शेयरों में गिरावट का कारण केवल वैश्विक बैंकों पर भारी दबाव नहीं है, बल्कि साल 2020 के मुकाबले बैंक की Credit-Default Swap Insurance की लागत में कई गुना तक का इजाफा होना है. जिसस कारण से बैंकों के शेयरधारकों में अविश्वास पैदा हो गया है और शेयरों में बिकवाली तेज हो गई है. विदित हो कि क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बीमा एक तरह का इंश्योरेंस है जो बैंक किसी कंपनी या ब्रांड को Default के एवज में देती है.

जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक संकट में : जर्मनी की अर्थव्यवस्था में Deutsche Bank की अहम भूमिका है. 1.4 ट्रिलियन की कुल संपत्ति के साथ यह वहां का सबसे बड़ा बैंक है. इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित बैंकों में से एक माना जाता है. यह बैंक न केवल जर्मनी के काम काज को देखता है बल्कि अन्य कई देशों के साथ भी व्यापार करता है. और इस व्यापार में यह आमतौर पर सबसे ज्यादा कोरपोरेट कर्ज देता है. ऐसे में अगर Deutsche Bank पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो यह पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले सकता है.

  • Deutsche Bank

    - Germany's biggest bank with around $1.4 trillion in assets

    - $880 billion in assets under management

    - $6 billion profit in 2022

    - Designated as a systemically important financial institution

    - Stock-price down 8% today, down 24% in the past month

    — The Spectator Index (@spectatorindex) March 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बैंकिंग सेक्टर में संकट : अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से शुरू हुआ बैंकिंग संकट धीरे- धीरे सभी बड़े बैंकों को अपनी चपेट में ले रहा है. आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये 2008 की तरह वैश्विक मंदी का आगाज तो नहीं क्योंकि अमेरिका के दो बैंक Silicon Valley Bank और Signature Bank धाराशाही हो गए हैं. स्विट्जरलैंड का क्रेडिट स्विस बैंक भी संकट में घिरा नजर आया और अब जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक भी इससे अछूता नहीं है. इसके शेयरों में भारी बिकवाली देखी जा रही है. हालांकि जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का कहना है कि यूरोप कि बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है.

पढ़ें : US Bank Crisis: सात दिन में म्युचुअल फंडों में 6 फीसदी तक गिरावट, जानें भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का हाल

पढ़ें : US regulators shut down Silicon Valley Bank : अमेरिकी नियामकों ने सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया

नई दिल्ली : अमेरिका से सिलिकॉन वैली बैंक से शुरु हुआ बैंकिंग संकट यूरोप तक जा पहुंचा. इसके बाद अब जर्मनी के बैंकों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जर्मनी के सबसे बड़े बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नजर नहीं आ रही है. दरअसल शुक्रवार को Deutsche Bank के स्टॉक प्राइस में 8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों के बीच Banking System को लेकर अनिश्चितता का माहौल है. जिस कारण से शुक्रवार को Deutsche Bank के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई. विदित हो कि पहले इसके शेयर 15 फीसदी से गिरे फिर कुछ सुधार हुआ. लेकिन अंत में 8 फीसदी की गिरावट के साथ 8.54 यूरो पर इसके शेयर बंद हुए थे.

बैंकों के शेयर क्यों गिर रहे : बैंक के शेयरों में गिरावट का कारण केवल वैश्विक बैंकों पर भारी दबाव नहीं है, बल्कि साल 2020 के मुकाबले बैंक की Credit-Default Swap Insurance की लागत में कई गुना तक का इजाफा होना है. जिसस कारण से बैंकों के शेयरधारकों में अविश्वास पैदा हो गया है और शेयरों में बिकवाली तेज हो गई है. विदित हो कि क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बीमा एक तरह का इंश्योरेंस है जो बैंक किसी कंपनी या ब्रांड को Default के एवज में देती है.

जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक संकट में : जर्मनी की अर्थव्यवस्था में Deutsche Bank की अहम भूमिका है. 1.4 ट्रिलियन की कुल संपत्ति के साथ यह वहां का सबसे बड़ा बैंक है. इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित बैंकों में से एक माना जाता है. यह बैंक न केवल जर्मनी के काम काज को देखता है बल्कि अन्य कई देशों के साथ भी व्यापार करता है. और इस व्यापार में यह आमतौर पर सबसे ज्यादा कोरपोरेट कर्ज देता है. ऐसे में अगर Deutsche Bank पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो यह पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले सकता है.

  • Deutsche Bank

    - Germany's biggest bank with around $1.4 trillion in assets

    - $880 billion in assets under management

    - $6 billion profit in 2022

    - Designated as a systemically important financial institution

    - Stock-price down 8% today, down 24% in the past month

    — The Spectator Index (@spectatorindex) March 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बैंकिंग सेक्टर में संकट : अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से शुरू हुआ बैंकिंग संकट धीरे- धीरे सभी बड़े बैंकों को अपनी चपेट में ले रहा है. आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये 2008 की तरह वैश्विक मंदी का आगाज तो नहीं क्योंकि अमेरिका के दो बैंक Silicon Valley Bank और Signature Bank धाराशाही हो गए हैं. स्विट्जरलैंड का क्रेडिट स्विस बैंक भी संकट में घिरा नजर आया और अब जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक भी इससे अछूता नहीं है. इसके शेयरों में भारी बिकवाली देखी जा रही है. हालांकि जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का कहना है कि यूरोप कि बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है.

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Last Updated : Mar 27, 2023, 12:48 PM IST
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