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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम जुड़ी एक और बड़ी उपलब्धि - consolidated net profit of Reliance Industries

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच का अंतर पिछले कुछ वर्षों में दोगुना से अधिक हो गया है. पढ़ें पूरी खबर.. (reliance, reliance industries, mukesh ambani, jio, reliance group profit jumps, consolidated net profit of Reliance Industries)

Reliance Industries net profit jumps
रिलायंस इंडस्ट्रीज के सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट
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By PTI

Published : Dec 25, 2023, 4:34 PM IST

Updated : Dec 25, 2023, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज के सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच का अंतर पिछले कुछ सालों में दोगुना से भी ज्यादा होकर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की सब्सिडियरी यूनिट के रूप में काम कर रहे रिटेल और दूरसंचार कारोबार में गजब का मुनाफा हुआ है, इसी वजह से कंपनी को इतना ज्यादा लाभ हुआ है.

जेपी मॉर्गन ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस के सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच का अंतर काफी बढ़ गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में 8,400 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है.टेलीकम्युनिकेशन और रिटेल क्षेत्र में तेजी इसकी मुख्य वजह है.बता दें, वित्त वर्ष 2019-20 में रिलायंस ने 30,902 करोड़ रुपये का सिंगल नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 44,205 करोड़ रुपये हो गया.

वहीं, इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2019-20 में 39,354 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 66,702 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 के लिए रिलायंस के एकल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच अंतर के लिए 335 एकल कंपनियां जिम्मेदार रहे. इनमें से करीब 40 प्रतिशत (133) मुनाफे में रहीं. वित्त वर्ष 2022-23 में एकल तथा एकीकृत मुनाफे के बीच अंतर में करीब 89 प्रतिशत योगदान रिलायंस की दूरसंचार तथा खुदरा सब्सिडियरी कंपनियों का था.

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नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज के सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच का अंतर पिछले कुछ सालों में दोगुना से भी ज्यादा होकर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की सब्सिडियरी यूनिट के रूप में काम कर रहे रिटेल और दूरसंचार कारोबार में गजब का मुनाफा हुआ है, इसी वजह से कंपनी को इतना ज्यादा लाभ हुआ है.

जेपी मॉर्गन ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस के सिंगल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच का अंतर काफी बढ़ गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में 8,400 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है.टेलीकम्युनिकेशन और रिटेल क्षेत्र में तेजी इसकी मुख्य वजह है.बता दें, वित्त वर्ष 2019-20 में रिलायंस ने 30,902 करोड़ रुपये का सिंगल नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 44,205 करोड़ रुपये हो गया.

वहीं, इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2019-20 में 39,354 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 66,702 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 के लिए रिलायंस के एकल और इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट के बीच अंतर के लिए 335 एकल कंपनियां जिम्मेदार रहे. इनमें से करीब 40 प्रतिशत (133) मुनाफे में रहीं. वित्त वर्ष 2022-23 में एकल तथा एकीकृत मुनाफे के बीच अंतर में करीब 89 प्रतिशत योगदान रिलायंस की दूरसंचार तथा खुदरा सब्सिडियरी कंपनियों का था.

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Last Updated : Dec 25, 2023, 4:43 PM IST
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