नई दिल्ली : विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में अमेरिका, चीन, कोरिया और चीनी ताइपे ने लैपटॉप तथा कंप्यूटर पर आयात संबंधी अंकुश लगाने के भारत के फैसले पर चिंता जाहिर की है. डब्ल्यूटीओ की बाजार पहुंच समिति की बैठक में ये चिंता जाहिर की गई. इसकी अध्यक्षता 16 अक्टूबर को जिनेवा के पराग्वे में रेनाटा क्रिसाल्डो ने की थी.
जिनेवा स्थित एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने कहा कि इस फैसले के लागू होने के बाद इन उत्पादों के व्यापार पर असर पड़ेगा, जिसमें भारत में अमेरिकी निर्यात भी शामिल है. अमेरिका ने कहा कि यह फैसला निर्यातकों और ‘डाउनस्ट्रीम’ उपयोगकर्ताओं के लिए अनिश्चितता उत्पन्न कर रहा है. सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट व अन्य पीसी उत्पादों के आयात के लिए लाइसेंस को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है. यह कदम विदेशी उपकरणों में हार्डवेयर में सुरक्षा संबंधी खामियां होने के अलावा घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से भी उठाया गया है. इन वस्तुओं के आयात के लिए एक नवंबर से विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से लाइसेंस/अनुमति लेनी होगी.
आयात पर अंकुश से भारत को उन स्थानों पर कड़ी नजर रखने में मदद मिलेगी जहां से प्रोडक्ट आ रहे हैं. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत आयात पर लाइसेंसिंग आवश्यकता लागू नहीं करेगा, बल्कि केवल आने वाले समान की निगरानी करेगा. अधिकारी ने कहा कि कोरिया ने इस बात पर जोर दिया कि भारत द्वारा प्रस्तावित उपाय डब्ल्यूटीओ नियमों के अनुरूप नहीं लगते. इसके परिणामस्वरूप अनावश्यक व्यापार बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. भारत हर साल करीब 7-8 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का ये सामान आयात करता है.
देश ने 2022-23 में 5.33 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के लैपटॉप सहित पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया था, जबकि 2021-22 में 7.37 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया गया.